Chanakya Niti: छोटी-छोटी गलतियों से बर्बादी के कगार पर पहुंच जाता है व्यक्ति, जानिए बचाव के तरीके
Chanakya Niti: चाणक्य (Chanakya Quotes) ने एक श्लोक के जरिए बताया है कि मनुष्य के लिए कौन सी ऐसी गलतियां हैं जिसकी वजह से उसके जीवन पर काफी नकारात्मक असर पड़ सकता है. धर्म धनं च धान्यं च गुरोर्वचनमौषधम्। सुगृहीतं च कत्र्तव्यमन्यथा तु न जीवति.
highlights
- अगर कोई व्यक्ति धार्मिक कार्यों में किसी तरह की गलती कर देता है तो को शुभ के बजाय विपरीत परिणाम मिलते हैं
- चाणक्य का कहना है कि किसी भी बीमारी के समय दवाओं के गलत इस्तेमाल से जीवन को खतरा हो सकता है
नई दिल्ली:
Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य ने जीवन को बेहतर बनाने के लिए कई अहम बातें बताई हैं. उन्होंने नीति शास्त्र में जीवन को लेकर कई महत्वपूर्ण नीतियों का वर्णन किया है. चाणक्य की बताई नीतियों को अपनाने से जीवन में होने वाली परेशानियों को कम करने में मदद मिलती है. आचार्य चाणक्य (Ethics Of Chanakya) की धन, वैवाहिक जीवन, तरक्की, बिजनेस, शत्रुता और मित्रता आदि से जुड़ी नीतियों को लोगों के द्वारा अपनाया भी जाता है. चाणक्य (Chanakya Quotes) ने एक श्लोक के जरिए बताया है कि मनुष्य के लिए कौन सी ऐसी गलतियां हैं जिसकी वजह से उसके जीवन पर काफी नकारात्मक असर पड़ सकता है. धर्म धनं च धान्यं च गुरोर्वचनमौषधम्। सुगृहीतं च कत्र्तव्यमन्यथा तु न जीवति।।
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आचार्य चाणक्य के मुताबिक धार्मिक कार्य काफी महत्वपूर्ण हैं और यही वजह है कि उन्होंने इसे काफी महत्व दिया है. उनका कहना है कि अगर कोई व्यक्ति धार्मिक कार्यों में किसी तरह की गलती कर देता है तो उस व्यक्ति को शुभ परिणाम के बजाय विपरीत परिणाम मिलते हैं. उनका कहना है कि व्यक्ति को धार्मिक कार्य के दौरान सतर्क रहना चाहिए. चाणक्य का कहना है कि किसी भी बीमारी के समय दवाओं के गलत इस्तेमाल से जीवन को खतरा हो सकता है. उनका कहना है कि दवाओं के सेवन से पहले उसके बारे में पूरी जानकारी हासिल करनी चाहिए.
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आचार्य चाणक्य के मुताबिक अगर किसी व्यक्ति को धन के इस्तेमाल की सही जानकारी नहीं है तो कुछ ही समय में सबकुछ नष्ट हो सकता है. उनका कहना है कि धन खर्च करते समय व्यक्ति को सतर्क रहना चाहिए. चाणक्य कहते हैं कि व्यक्ति को बेकार के कार्यों में पैसा नहीं खर्च करना चाहिए. चाणक्य का कहना है कि जो व्यक्ति गुरू की बातों को नहीं मानते हैं या फिर उनकी अनदेखी करते हैं तो वह व्यक्ति जीवन के सुखों से वंचित रह जाता है. चाणक्य कहते हैं कि ज्यादा भोजन करने वाले व्यक्तियों के घर में दरिद्रता आती है और ऐसे लोग बर्बाद हो जाते हैं.
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