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चाणक्य नीति: अगर जीवन में हैं ये 3 चीज तो धरती ही बन सकता है आपके लिए स्वर्ग

आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र में लिखा है की किसी व्यक्ति के जीवन में अगर इन तीनों चीजों का समावेश होता है तो उनकी जिंदगी में कभी कोई कठिनाई नहीं होती है.

Updated on: 04 Jun 2021, 10:00 AM

दिल्ली :

आचार्य चाणक्य (Chanakya Niti) की अर्थनीति, कूटनीति और राजनीति विश्वविख्यात है, जो हर एक को प्रेरणा देने वाली है. चंद्रगुप्त मौर्य के गुरु और सलाहकार आचार्य चाणक्य के बुद्धिमत्ता और नीतियों से ही नंद वंश को नष्ट कर मौर्य वंश की स्थापना की थी. आचार्य चाणक्य ने ही चंद्रगुप्त को अपनी नीतियों के बल पर एक साधारण बालक से शासक के रूप में स्थापित किया. अर्थशास्त्र के कुशाग्र होने के कारण इन्हें कौटिल्य कहा जाता था. आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र के जरिए जीवन से जुड़ी समस्याओं का समाधान बताया है.

आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र में लिखा है की किसी व्यक्ति के जीवन में अगर इन तीनों चीजों का समावेश होता है तो उनकी जिंदगी में कभी कोई कठिनाई नहीं होती है. आचार्य चाणक्य की नीतियां व्यक्ति को जीवन में आगे बढ़ने और अच्छे कर्मों को करने के लिए प्रेरित करती हैं. कहा जाता है कि आचार्य चाणक्य की नीतियां जो व्यक्ति समझकर अपने जीवन में उतार लेता है, उसे सामाजिक व निजी सुखों में कमी नहीं रहती है. एक श्लोक के जरिए आचार्य चाणक्य ने बताया है किन लोगों के लिए धरती ही स्वर्ग समान हो जाती है.

  1. जिसका पुत्र संस्कारी व आज्ञाकारी हो- आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जिनका पुत्र संस्कारी और आज्ञाकारी होता है और हमेशा अपने माता-पिता का सम्मान करता है। ऐसे व्यक्ति के लिए धरती पर ही स्वर्ग होता है.
  2. अच्छे आचरण की पत्नी- चाणक्य कहते हैं कि जिस व्यक्ति की पत्नी धर्म का अनुसरण करने वाली हो उसके लिए धरती पर ही स्वर्ग के समान सुख होते हैं. अच्छे आचरण वाली पत्नी पूरे परिवार को जुड़े रखती है. हर परिस्थिति में पति का साथ निभाती है। धर्म का पालन करने वाली पत्नी स्वयं मान-सम्मान पाने के साथ ही परिवार का भी मान बढ़ाती है. ऐसे स्त्री के पति के लिए धरती पर स्वर्ग समान सुख होता है.
  3. आत्मिक रूप से संतुष्ट- कहा जाता है कि मन की शांति से बड़ा कोई धन या सुख नहीं होता है. जिनका मन किसी भी काम में संतुष्ट नहीं होता वह हमेशा दुखी रहते हैं. जिस व्यक्ति के पास आत्म संतुष्टि होती है, उनके लिए धरती पर ही स्वर्ग समान सुख है.