Chanakya Niti: इन स्थानों पर रुकना है आपके जीवन में आने वाली भयंकर असफलता का सूचक, पीढ़ी दर पीढ़ी होता जाता है विनाश

Chanakya Niti: आज हम आपको कुछ खास स्थानों के बारे में बताने जा रहे हैं जहां रुकना आपके लिए परेशानी का सबब बन सकता है. आचार्य चाणक्य के मुताबिक, कुछ जगहें ऐसी हैं जहाँ पर ठहरना व्यक्ति को असफलता और विनाश की कगार तक पहुंचा सकता है.

Chanakya Niti: आज हम आपको कुछ खास स्थानों के बारे में बताने जा रहे हैं जहां रुकना आपके लिए परेशानी का सबब बन सकता है. आचार्य चाणक्य के मुताबिक, कुछ जगहें ऐसी हैं जहाँ पर ठहरना व्यक्ति को असफलता और विनाश की कगार तक पहुंचा सकता है.

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Gaveshna Sharma
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Chanakya Niti

इन स्थानों पर रुकना है आपके जीवन में आने वाली भयंकर असफलता का सूचक( Photo Credit : Social Media)

Chanakya Niti: इस बात में कोई संशय नहीं कि आचार्य चाणक्य की नीतियां वाकई सफलता की कुंजी हैं. अगर इनका अनुसरण पूर्ण रूप से जीवन में किया जाए तो व्यक्ति न सिर्फ जीवन में सक्सेस की सीढ़ियां चढ़ता चला जाता है बल्कि समाज में विशेष मान सम्मान भी पाता है. यूं तो चाणक्य नीति में लिखी व्यक्ति विशेष से जुड़ी बातों को हमने आप तक पहुंचाया है. लेकिन आज हम आपको कुछ खास स्थानों के बारे में बताने जा रहे हैं जहां रुकना आपके लिए परेशानी का सबब बन सकता है. आचार्य चाणक्य के मुताबिक, कुछ जगहें ऐसी हैं जहाँ पर ठहरना व्यक्ति को असफलता और विनाश की कगार तक पहुंचा सकता है. 

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जहां रोजगार न हो 
चाणक्य नीति के अनुसार, व्यक्ति को कभी भी ऐसे स्थान पर नहीं रुकना चाहिए जहां रोजगार न हो. क्योंकि धन के अभाव में जीवन की गाड़ी सिर्फ खड्डे में ही जाती है. अर्थात बिना धन के जीवन यापन करना असंभव है. 

जहां मान- सम्मान न हो 
आचार्य चाणक्य कहते हैं, किसी ऐसी जगह पर रुकना जहां व्यक्ति को सम्मान न मिले, उसके लिए नरक के समान है. समाज में एक औदा बनाने और मान सम्मान पाने में अरसा बीत जाता है. ऐसे में जहां आपका सिर्फ अनादर हो उस जगह से आगे बढ़ जाना ही उचित है. 

जहां रिश्तेदार या दोस्त न हो 
व्यक्ति के जीवन में दोस्त रिश्तेदार एक अहम भूमिका रखते हैं. दोस्त और परिवार वाले हर परिस्थिति में साथ खड़े रहते हैं. ऐसे में जिस स्थान पर आपका अपना कोई न हो फिर चाहे वो दोस्त हों, रिश्तेदार हों या फिर परिवार. ऐसे स्थान पर कभी नहीं रुकना चाहिए. नहीं तो आप अकेला महसूस करने लगेंगे और आपके मन में उमड़ रहीं भावनाएं आपको आपके लक्ष्य से भटका देंगी. 

जहां शिक्षा न हो
चाणक्य नीति के अनुसार, जहां शिक्षा प्राप्त न की जा सकती हो या शिक्षा प्राप्त करने के सन-साधनों की कमी हो, ऐसे स्थान पर रुकना आपके जीवन को व्यर्थ और लक्ष्यहीन बना सकता है. क्योंकि ज्ञान बिना जीवन अधूरा है. इससे न सिर्फ आपका बल्कि आपकी आने वाली पीढ़ी का जीवन भी अंधकार में डूब सकता है. 

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