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Chanakya Niti: कठिन समय में मनुष्य ना छोड़े अपने लक्ष्य

चाणक्य नीति के अनुसार जब भी मुश्किल वक्त आए तो कभी भी अपने लक्ष्य को ना छोड़ें. कई बार ऐसा होता है कि मुश्किल आने पर व्यक्ति अपने लक्ष्य को किनारे कर देता है.

Updated on: 31 Jul 2021, 08:00 AM

highlights

  • मुश्किल वक्त में ना भूले अपना लक्ष्य
  • कठिन समय आया है तो उसका डटकर सामना करिए
  • कई बार जीवन में ऐसी परिस्थितियां आती हैं  

नई दिल्ली:

आचार्य चाणक्य (Chanakya Niti) की अर्थनीति, कूटनीति और राजनीति विश्वविख्यात है, जो हर एक को प्रेरणा देने वाली है. चंद्रगुप्त मौर्य के गुरु और सलाहकार आचार्य चाणक्य के बुद्धिमत्ता और नीतियों से ही नंद वंश को नष्ट कर मौर्य वंश की स्थापना की थी. आचार्य चाणक्य ने ही चंद्रगुप्त को अपनी नीतियों के बल पर एक साधारण बालक से शासक के रूप में स्थापित किया. अर्थशास्त्र के कुशाग्र होने के कारण इन्हें कौटिल्य कहा जाता था. आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र के जरिए जीवन से जुड़ी समस्याओं का समाधान बताया है. 

चाणक्य नीति के अनुसार जब भी मुश्किल वक्त आए तो कभी भी अपने लक्ष्य को ना छोड़ें. कई बार ऐसा होता है कि मुश्किल आने पर व्यक्ति अपने लक्ष्य को किनारे कर देता है. साथ ही उसका पूरा फोकस विपत्ति पर चला जाता है. अगर आप भी मुश्किल वक्त में अपने लक्ष्य को भूल जाते हैं तो ऐसा ना करें. इस तरह से आप अपनी मुश्किलें और बढ़ा देते हैं. मुश्किल वक्त जब भी आता है तो उस वक्त दिमाग में चलता रहता है कि उसका डटकर सामना करें. मनुष्य उस वक्त बस अपने आपको उस परिस्थिति से बचाकर लक्ष्य को त्यागने में ही अपनी भलाई समझता है. अगर आप भी कुछ ऐसा ही करते हैं तो ना करें. ऐसा इसलिए क्योंकि कठिन समय आया है तो उसका डटकर सामना करिए. 

जब आप ऐसा करेंगे तभी आप किसी भी मुसीबत से पार पा आएंगे. कई बार जीवन में ऐसी परिस्थितियां आती हैं कि आपको उसका सामना करना ही पड़ता है. उस वक्त आपके सामने कोई भी ऑप्शन नहीं होता है. मनुष्य को चाहिए कि वो मुसीबत के वक्त घबराए नहीं बल्कि अपने साहस और सूजबूझ के साथ इस परिस्थिति से पार पाने की कोशिश करे. जब आप धीरे धीरे इस मुश्किल समय का सामना साहस और बुद्धि के साथ करेंगे तो आप आप ना केवल इस विपत्ति से देखते ही देखते बाहर निकल आएंगे बल्कि खुद भी अपनी क्षमता को परख पाएंगे. इसी वजह से आचार्य चाणक्य ने कहा है कि कठिन समय में भी अपने लक्ष्य को मत छोड़िए और विपत्ति को अवसर में बदलिए.