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महामारी के समय क्या करना चाहिए और क्या नहीं, जानिए क्या कहती है चाणक्य नीति

आचार्य चाणक्य की चाणक्य नीति महामारी और युद्ध जैसे हालातों पर भी सीख देती है. चाणक्य नीति में बताया गया है कि महामारी और युद्ध जैसे इन हालातों का सामना व्यक्ति को कैसे करना चाहिए. उसे महामारी और युद्ध के दौरान कैसा व्यवहार और आचरण करना चाहिए.

Updated on: 07 May 2021, 10:00 AM

दिल्ली :

आचार्य चाणक्य तक्षशिला के चंद्रगुप्त मौर्य के गुरु और सलाहकार थे. आचार्य चाणक्य की अर्थनीति, कूटनीति और राजनीति विश्वविख्यात है. हर एक को प्रेरणा देने वाली है. आचार्य चाणक्य ने जो भी योजनाएं अमल में लाई उन पर पूरा शोधकार्य किया था. वास्तविक स्थिति को जान और समझकर रणनीति तैयार की. तो वहीं, आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र के जरिए जीवन से जुड़ी कुछ समस्याओं का समाधान बताया है. चाणक्य ने नीति शास्त्र में जीवन को बेहतर बनाने के तरीके के साथ ही दुष्ट लोगों से बचने के उपाय भी बताए हैं.

आचार्य चाणक्य की चाणक्य नीति महामारी और युद्ध जैसे हालातों पर भी सीख देती है. चाणक्य नीति में बताया गया है कि महामारी और युद्ध जैसे इन हालातों का सामना व्यक्ति को कैसे करना चाहिए. उसे महामारी और युद्ध के दौरान कैसा व्यवहार और आचरण करना चाहिए. इस वक्त देश कोरोना से जैसी महामारी से जूझ रहा है. इसकी वजह से आम जनमानस अस्त व्यस्त है. ऐसे में आचार्य की नीतियों से बहुत कुछ सीखा जा सकता है.

व्यक्ति को परेशान नहीं होना चाहिए

आचार्य चाणक्य का कहना था कि जब महामारी जैसा संकट आज जाए तो व्यक्ति को परेशान नहीं होना चाहिए. उसको सतर्क और सावधान रहना चाहिए और सूझबूझ से फैसले लेने चाहिए. घबराने या परेशान होने से कभी भी समस्या का समाधान नहीं मिल सकता. इन हालातों में भी व्यक्ति को सकारात्मक सोच के रखनी चाहिए और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करना चाहिए.

संकट के समय ही व्यक्ति की प्रतिभा की पहचान

अगर युद्ध के हालात हों, तो भी कभी डरना नहीं चाहिए. हमेशा याद रखें कि संकट के समय ही व्यक्ति की प्रतिभा की पहचान होती है. अगर आप में हिम्मत और हौसला है तो आप कुछ भी कर सकते हैं. अपने अंदर हालातों से निपटने का जज्बा लाएं और अपनी ऊर्जा को सही दिशा में लगाएं. इसके साथ ही समस्या के समाधान और बचाव को लेकर चिंतन करते रहना चाहिए.

जोश की बजाय होश से काम लें

चाणक्य के अनुसार यदि शत्रु आपसे कहीं ज्यादा शक्तिशाली है तो जोश की बजाय होश से काम लें. यदि आप उसे चुनौती देकर ललकारेंगे तो निश्चित तौर पर परास्त हो जाएंगे. ऐसे में अपनी सूझबूझ से शत्रु को परास्त करें. जरूरत पड़ने पर छिप जाने में में भी कोई बुराई नहीं है.