चाणक्य नीति: इस एक वजह से खूब धन कमाने के बाद भी बनी रहती है पैसों की किल्लत

अगर जिंदगी में सफल और सुखी रहना है तो चाणक्य नीति का अध्ययन एवं अनुसरण जरूर करना चाहिए. आचार्य चाणक्य भारत के श्रेष्ठ विद्वानों में से एक माने जाते हैं. आचार्य चाणक्य की गिनती महान अर्थशास्त्री और श्रेष्ठ विद्वान को रूप में की जाती है.

अगर जिंदगी में सफल और सुखी रहना है तो चाणक्य नीति का अध्ययन एवं अनुसरण जरूर करना चाहिए. आचार्य चाणक्य भारत के श्रेष्ठ विद्वानों में से एक माने जाते हैं. आचार्य चाणक्य की गिनती महान अर्थशास्त्री और श्रेष्ठ विद्वान को रूप में की जाती है.

author-image
Avinash Prabhakar
एडिट
New Update
cha

प्रतीकात्मक तस्वीर ( Photo Credit : News Nation)

अगर जिंदगी में सफल और सुखी रहना है तो चाणक्य नीति का अध्ययन एवं अनुसरण जरूर करना चाहिए. आचार्य चाणक्य भारत के श्रेष्ठ विद्वानों में से एक माने जाते हैं. आचार्य चाणक्य की गिनती महान अर्थशास्त्री और श्रेष्ठ विद्वान को रूप में की जाती है. अर्थशास्त्र के ज्ञाता होने के कारण आचार्य चाणक्य को कौटिल्य भी कहा जाता है. आचार्य चाणक्य की नीतियां बेहद कठोर मानी जाती है लेकिन ये जीवन की सच्चाई होती है. चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र के जरीए पाप-पुण्य, कर्तव्य और अधर्म-धर्म एवं जीवन के अनेक पहलु के बारे में विस्तृत रूप से बताया है. इनकी नीतियों को अनुसरण कर व्यक्ति अपने जीवन को बेहतरीन एवं खुशहाल बना सकता हैं. 

Advertisment

चाणक्य अपने पुस्तक अर्थशास्त्र में आर्थिक सिद्धांत और नीतियां की चर्चा की है. अगर इन्हें अपने जीवन में सही तरीके से उतारा जाए तो न सिर्फ जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं बल्कि आर्थिक समस्याओं का भी सामना नहीं करना पड़ता.

पैसे खर्च करने को लेकर चाणक्य 

उपार्जितानां वित्तानां त्याग एव हि रक्षणाम्।
तडागोदरसंस्थानां परीस्त्राव इवाम्भसाम्।।

अर्थात कमाए हुए धन को खर्च करना, दान देना या भोग करना ही उसकी रक्षा है, क्योंकि तालाब के भीतर भरे हुए जल को निकालते रहने से ही उसकी पवित्रता और शुद्धता बनी रहती है. अगर पानी का उपयोग ना हो तो वो सड़ जाता है. पैसों के साथ भी ठीक वही बात है. इस श्लोक (Shloka) के माध्यम से आचार्य चाणक्य कहते हैं कि कमाए गए धन को बुरे वक्त के लिए थोड़ा बचाकर रखना अच्छी बात है लेकिन उसका उपयोग करते रहना, जरूरतमंदों को दान करने से ही धन की रक्षा होती है. 

धन के उचित इस्तेमाल से ही होगी उसकी रक्षा
जरुरत से ज्यादा बचत करना या कंजूस बने रहना उचित नहीं है. सही काम में और सही तरीके से धन को खर्च करके ही उसकी रक्षा की जा सकती है. तालाब या बर्तन में रखे पानी से धन की तुलना करते हुए चाणक्य कहते हैं कि अगर पानी को खराब होने से बचाना है तो उसका उपयोग करना होगा वरना एक ही जगह पर जमा पानी सड़ जाएगा खराब हो जाएगा. यही बात पैसों के साथ भी लागू होती है. 

Source : News Nation Bureau

Chanaky Niti Chanakya Quotes Chanakya Niti for Today Todays Chanaky Niti
      
Advertisment