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प्रतीकात्मक तस्वीर ( Photo Credit : File)
अगर किसी व्यक्ति को जीवन में सफल और सुखी रहना है तो उसे चाणक्य नीति को अपनाना चाहिए. आचार्य चाणक्य की नीतियां बेहद कठोर मानी जाती है लेकिन ये जीवन की सच्चाई होती है. चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र के जरीए पाप-पुण्य, कर्तव्य और अधर्म-धर्म के बारें में बताया है इनकी नीतियों के जरीए व्यक्ति अपने जीवन को बेहतरीन बना सकता हैं. आचार्य चाणक्य भारत के श्रेष्ठ विद्वानों में से एक माने जाते हैं. आचार्य चाणक्य की गिनती महान अर्थशास्त्री और श्रेष्ठ विद्वान को रूप में की जाती है. अर्थशास्त्र के ज्ञाता होने के कारण आचार्य चाणक्य को कौटिल्य भी कहा जाता है.
आचार्य चाणक्य अपने नीतिशास्त्र में मनुष्य के जीवन के हरेक पहलुओं के बारे में गहराई से लिखा है. यही कारण है कि चाणक्य की नीतियां आज के समय में भी प्रासंगिक हैं. आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में मानव जीवन के कुछ महत्वपूर्ण बातों के बारे में चर्चा की है जिसको अगर आज अनुसरण की जाए तो मनुष्य के जिंदगी के विपरीत परिस्थितियों को भी आसानी से पार कर लेते हैं. तो चलिए मनुष्य के जीवन को लेकर जानते हैं क्या कहती है चाणक्य नीति.
धैर्य और आत्मविश्वास बनाए रखें
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि व्यक्ति को बुरे समय में भी अपना धैर्य और आत्मविश्वास नहीं खोना चाहिए. जिस व्यक्ति के पास ये दोनों गुण होते हैं, वह विषम परिस्थितियों से निकलने में भी सक्षम रहता है. विषम परिस्थितियों में भी आचार्य चाणक्य ने अपना धैर्य और आत्मविश्वास बनाए रखा और अपने शत्रु को पराजित किया.
धन संचय की आदत
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि मनुष्य को संकट के समय के लिए धन संचय करके रखना चाहिए. जो लोग धन संचय करके रखते हैं, बुरा समय आने पर वे आसानी उसे पार कर लेते हैं. धन के अभाव में व्यक्तियों को विपरीत समय की चुनौतियों को पार करना बहुत कठिन हो जाता है.
सेहत का रखें ध्यान
चाणक्य कहते हैं कि हर परिस्थिति में मनुष्य को अपनी सेहत का ध्यान रखना चाहिए क्योंकि विपरीत परिस्थिति से निकलने के लिए व्यक्ति का मानसिक व शारीरिक रूप से स्वस्थ होना बेहद जरूरी है. यदि संकट के समय में सेहत का ध्यान न रखा जाए तो समस्या और भी अधिक बढ़ जाती है.
Source : News Nation Bureau