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Chaliya Mahotsav 2022: सिंधी समाज का सबसे बड़ा पर्व हुआ शुरू, जानें अखंड ज्योति महोत्सव का पावन महत्व

Chaliya Mahotsav 2022: सिंधी समाज का सबसे बड़ा पर्व चालिया महोत्सव 16 जुलाई 2022 से शुरू हो गया है. यह सिंधी समाज का 40 दिवसीय अखंड ज्योति महोत्सव (Akhand Jyoti Mahotsav) है. यह महोत्सव 40 दिनों तक चलता है.

Updated on: 17 Jul 2022, 04:30 PM

नई दिल्ली :

Chaliya Mahotsav 2022: सिंधी समाज का सबसे बड़ा पर्व चालिया महोत्सव 16 जुलाई 2022 से शुरू हो गया है. यह सिंधी समाज का 40 दिवसीय अखंड ज्योति महोत्सव (Akhand Jyoti Mahotsav) है. यह महोत्सव 40 दिनों तक चलता है. सोलह जुलाई से शुरू होने वाला यह सिंधी महोत्सव (Sindhi Festival) 24 अगस्त 2022 को समाप्त होगा. सिंधी समुदाय के लोग इस शुभ अवसर पर 40 दिनों तक व्रत रखते हैं और अपने सबसे बड़े देव झूलेलाल की सुबह शाम पूजा करते हैं तथा उनकी कथा का श्रावण करते हैं. इस दौरान झूलेलाल के मंदिरों को बड़े ही सुंदर ढंग से सजाया जाता है. भक्त मंदिरों में सुबह शाम पूजा अर्चना करते हैं तथा आरती करके प्रसाद का वितरण किया जाता है.

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चालिया महोत्सव क्यों मनाया जाता है? 
चालिया महोत्सव के दौरान महिलाएं व्रत रखती हुई भगवान झूलेलाल (God Jhulelal Puja) के मंदिर में जाकर उनकी पूजा करती है. उनकी पूजा के लिए महिलाएं घर से चार या पंच मुखी आटे का दीपक लेकर आती है और उसे पूजा के दौरान उनके समक्ष इसे चढ़ाती है. इसके अलावा भगवान झुलेलाल के चरणों में चावल, इलायची, मिश्री और लौंग अर्पित करती है. मान्यता है कि इससे महिलाओं की मनोकामना पूरी होती है. सिंधी समाज के अनुसार चालिया महोत्सव जीवन को सुखी बनाने और लोक कल्याण के लिए मनाया जाता है.

झुलेलाल जयंती के रूप में मनाया जाता है चालिया महोत्सव (Jhulelal Jaynti Chaliya Mahotsav 2022)
भगवान झूलेलाल के इस पर्व में जल की आराधना करने की परंपरा है. सिंधी समाज की मान्यता है कि इन दिनों भगवान झूलेलाल वरुणदेव का अवतरण करके अपने भक्तों के सारे दुःख दर्द दूर किये थे. मान्यता है कि जो लोग 40 दिन इनकी विधि विधान से पूजा करते हैं. भगवान झूलेलाल उनकी सारी मनोकामना पूरी करते हैं. भगवान झूलेलाल की कृपा से भक्तों के घर में सुख शांति और समृद्धि बनी रहती है.