Chaitra Purnima 2022, Dos and Donts: चैत्र माह की आखरी पूर्णिमा 16 अप्रैल यानी कि कल पड़ रही है. साथ ही, कल हनुमान जन्मोत्सव भी मनाया जाएगा. चैत्र माह में पड़ने वाली पूर्णिमा का अत्यंत महत्व माना जाता है. चैत्र पूर्णिमा के दिन माँ लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए कई उपाय भी किये जाते हैं. ऐसे में माना जाता है कि इन उपायों को करने से प्रभावी और सकारात्मक फल तभी मिलते हैं जब पूर्णिमा के दिन उन चीजों को न किया जाए जो इस दिन के लिए वर्जित या निषेध मानी गई हैं. इन्हीं में से एक है पड़ोसी के साथ अनबन या किसी भी तरह की बहस. ऐसा माना जाता है की चैत्र माह की आखरी पूर्णिमा में कुछ योग ऐसे बनते हैं जिनके प्रभाव से आपके पड़ोसी का व्यवहार आप पर और आपके जीवन पर गहरा असर डालता है. ऐसे में अगर आप इस दिन अपने पड़ोसी से पंगा लेते हैं तो आपको बुरा भुगतना पड़ सकता है. इसके अलावा भी कई और चीजें हैं जो वर्जित हैं. चलिए जानते हैं इस बारे में.
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चैत्र पूर्णिमा (Chaitra Purnima) का दिन बहुत खास होता है क्योंकि इस दिन हनुमान जन्मोत्सव भी होता है. यानी कि यह दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ भगवान हनुमान की कृपा पाने का भी खास मौका होता है. इस साल 16 अप्रैल, शनिवार को चैत्र पूर्णिमा है. चैत्र पूर्णिमा 2022 तिथि 16 अप्रैल 2022, शनिवार को तड़के 02:25 बजे शुरू होगी और 17 अप्रैल की सुबह 12:24 बजे समाप्त होगी. वहीं चंद्रोदय का समय 16 अप्रैल की शाम 06:27 बजे है.
चैत्र पूर्णिमा के दिन न करें ये काम
- चैत्र पूर्णिमा के दिन ना तो किसी की बुराई करें, ना किसी से झगड़ा करें. खासतौर पर इस दिन पड़ोसियों से कोई विवाद न करें. कहते हैं कि इस दिन पड़ोसियों से किया गया विवाद स्थाई हो जाता है, जो भविष्य में बड़ा नुकसान पहुंचाता है.
- चैत्र पूर्णिमा के दिन गलती से भी तामसिक भोजन, शराब आदि का सेवन न करें. इस दिन हनुमान जयंती भी होती है लिहाजा इस दिन मांसाहार करना जीवन में संकट ला सकता है.
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चैत्र पूर्णिमा के दिन करें ये काम
- चैत्र पूर्णिमा के दिन ब्रम्हमुहूर्त में स्नान कर लें. वैसे इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करना बहुत शुभ माना गया है. यदि ऐसा संभव न हो तो पवित्र नदियों के जल मिले पानी से स्नान कर लें. यदि व्रत कर रहे हैं तो व्रत करने का संकल्प ले लें.
- विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा करें. इस दिन हनुमान जी की भी पूजा आराधना करें. ऐसा करने से बहुत लाभ होगा.
- रात में चंद्र देव की पूजा करें. ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर कृपा करती हैं.