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Maa Chandraghanta Bhog: चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा को लगाएं ये भोग, सारी मनोकामना होगी पूरी

Chaitra Navratri Day 3: नवरात्रि के तीसरे दिन मां दुर्गा के चंद्रघंटा स्वरूप की पूजा करने की परंपरा है. मां चंद्रघंटा को भोग लगाने से भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है.

Updated on: 11 Apr 2024, 11:56 AM

नई दिल्ली :

Chaitra Navratri Day 3: मां चंद्रघंटा देवी दुर्गा का तीसरा स्वरूप है. नवरात्रि के तीसरे दिन इनकी पूजा की जाती है. मां चंद्रघंटा देवी की पूजा में भोग लगाने से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है. इस पूजा में भगवान को केसर वाली खीर, फल, पंचामृत और नारियल का भोग लगाया जाता है. साथ ही लाल रंग की मिठाई, सिन्दूर और हल्दी भी चढ़ाई जाती है. भोग लगाने के बाद सभी भक्तों के बीच प्रसाद वितरित किया जाता है. यह पूजा भक्तों को धन, समृद्धि और शांति प्राप्त करने में मदद करती है.

भोग लगाने की सामग्री:

केसर की खीर:

1 लीटर दूध
1/2 कप चावल
1/4 कप चीनी
1/4 कप केसर
1/4 कप बादाम, पिस्ता, और किशमिश

विधि:

दूध को उबालें.
चावल को धोकर दूध में डालें.
चीनी और केसर डालकर धीमी आंच पर पकाएं.
खीर के गाढ़ा होने पर बादाम, पिस्ता, और किशमिश डालें.
दूध से बनी मिठाई:

रबड़ी
खीर
बासुंदी
रसगुल्ला

विधि:

अपनी पसंद की मिठाई दूध से बनाएं.
मिठाई को भगवान को अर्पित करें.
फल:

केला
अनार
मौसमी
अमरूद
विधि:

फल को धोकर भगवान को अर्पित करें.
पंचामृत:

दूध
दही
घी
शहद
गंगाजल

विधि:

सभी सामग्री को एक बर्तन में मिलाकर पंचामृत बनाएं.
पंचामृत को भगवान को अर्पित करें.
नारियल:

1 नारियल
विधि:

नारियल को धोकर भगवान को अर्पित करें.
भोग लगाने के बादआरती करें.
प्रसाद को सभी भक्तों में वितरित करें.
अन्य भोग:

मां चंद्रघंटा को लाल रंग की मिठाई भी अर्पित कर सकते हैं.
मां को सिंदूर और हल्दी भी अर्पित कर सकते हैं.

भोग लगाने का सही तरीका 

भोग लगाने के लिए ताजी और स्वच्छ सामग्री का प्रयोग करें.
भोग लगाने से पहले भगवान गणेश और भगवान शिव का भी पूजन करें.
भोग लगाने के बाद प्रसाद को सभी भक्तों में वितरित करें.
अन्य भोग 

आप मां चंद्रघंटा को केसर की खीर, रबड़ी, और फल का भोग लगा सकते हैं.
आप मां को लाल रंग की मिठाई, सिंदूर, और हल्दी भी अर्पित कर सकते हैं.

मां चंद्रघंटा के भोग का महत्व हिन्दू धर्म में बहुत उच्च माना जाता है. यह भोग मां को समर्पित होता है और उससे आत्मविश्वास और आनंद का अनुभव होता है. इसके माध्यम से भक्त अपनी श्रद्धा और प्रेम का अभिव्यक्ति करते हैं. यह भोग धन्य और सुखदायक माना जाता है और इसे मां की कृपा और आशीर्वाद का प्रतीक माना जाता है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)