Chaitra Navratri 2025: चैत्र नवरात्रि का सातवां दिन मां कालरात्रि की पूजा के लिए समर्पित है. मां दुर्गा के इस रूप को काल का नाश करने वाली देवी माना जाता है. नवरात्रि के दौरान मां कालरात्रि की पूजा करने से सभी प्रकार की नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है और साधक को सिद्धियों की प्राप्ति होती है. आइए जानते हैं चैत्र नवरात्रि पर मां कालरात्रि की पूजा विधि और व्रत नियमों के बारे में विस्तार से.
मां कालरात्रि की पूजा विधि
चैत्र नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा के लिए सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहने और मां कालरात्रि की पूजा का संकल्प लें.
चैत्र नवरात्रि के दौरान मां कालरात्रि की मूर्ति या चित्र को पूजा स्थल पर स्थापित करें.
नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा के लिए दीपक जलाएं और धूप अर्पित करें.
मां कालरात्रि को पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और शक्कर) से स्नान कराएं.
सातवें दिन मां कालरात्रि को लाल रंग के फूल, रोली, अक्षत चढ़ाएं.
इस दौरान गुड़ और दूध से बनी मिठाई या हलवा का भोग लगाएं.
“ॐ ऐं ह्रीं क्लीं कालरात्र्यै नमः” इस मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें.
अंत में मां कालरात्रि आरती करें और परिवारजनों में प्रसाद बांटें.
व्रत नियम
चैत्र नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि का व्रत रखने वाले भक्तों को सात्विक भोजन का सेवन करना चाहिए.
निराहार व्रत रखकर देवी मां की पूजा करें और रात्रि में फलाहार ग्रहण करें.
व्रत रखने वाले व्यक्ति को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए तथा विचार, वाणी और कर्म से पवित्र रहना चाहिए.
झूठ, क्रोध, नकारात्मक विचारों से छुटकारा पाएं और पूरे दिन मां का स्मरण करें.
अतिथि के रूप में कन्याओं को भोजन, दक्षिणा और वस्त्र प्रदान करें.
मां कालरात्रि की पूजा का महत्व
मां कालरात्रि की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन से सभी प्रकार के भय, नकारात्मक ऊर्जा और बाधाएं दूर होती हैं. यह पूजा मुख्य रूप से सुरक्षा, व्यापार में सफलता और शत्रुओं पर विजय पाने के लिए की जाती है. मां कालरात्रि की कृपा से जीवन में सकारात्मकता और समृद्धि आती है. चैत्र नवरात्रि पर मां कालरात्रि की पूजा करने से साधक को सिद्धियां प्राप्त होती हैं और उसके सभी पाप नष्ट हो जाते हैं. इस दिन की गई साधना का फल शीघ्र प्राप्त होता है. मां की कृपा से रोग, भय, दुर्घटना और दरिद्रता का नाश होता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.