Maha Ashtami 2024: महाष्टमी के दिन जरूर जलाएं अखंड ज्योति, बड़ी से बड़ी मुश्किल होगी दूर 

Navratri Akhand Jyoti: महाष्टमी, नवरात्रि का नौवां दिन, देवी दुर्गा के शक्तिशाली रूप, महागौरी की पूजा के लिए समर्पित है. इस दिन भक्तगण अखंड ज्योति जलाते हैं, जो अनंत प्रकाश, ज्ञान, और आध्यात्मिक ऊर्जा का प्रतीक है.

Navratri Akhand Jyoti: महाष्टमी, नवरात्रि का नौवां दिन, देवी दुर्गा के शक्तिशाली रूप, महागौरी की पूजा के लिए समर्पित है. इस दिन भक्तगण अखंड ज्योति जलाते हैं, जो अनंत प्रकाश, ज्ञान, और आध्यात्मिक ऊर्जा का प्रतीक है.

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Inna Khosla
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Navratri Akhand Jyoti

Navratri Akhand Jyoti( Photo Credit : social media)

Navratri Akhand Jyoti: महाष्टमी में अखंड ज्योति जलाने का महत्व अत्यधिक है. इस दिन अखंड ज्योति का दीप जलाकर मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है. अखंड ज्योति का दीप जलाने से घर में ऊर्जा का संचार होता है और आत्मा की शुद्धता को संरक्षित किया जाता है. यह आत्मा की ऊर्जा को ऊंचाईयों तक ले जाता है और घर को सकारात्मक ऊर्जा से भर देता है. अखंड ज्योति जलाने से परिवार की सुख-शांति बनी रहती है और आशीर्वाद बना रहता है. यह भक्ति और आध्यात्मिकता को बढ़ावा देता है और घर को पवित्र और शुभ ऊर्जा से भर देता है. महाष्टमी में अखंड ज्योति का दीप जलाना एक मानवता का संदेश भी है, जो हमें सत्य, न्याय, और प्रेम की ओर ले जाता है. इसके साथ ही, यह एक आध्यात्मिक उत्सव का संदेश भी है, जो हमें माँ दुर्गा के प्रति श्रद्धा और भक्ति में लगातार बढ़ने का प्रेरणा देता है. 

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महाष्टमी के दिन अखंड ज्योति जलाने की विधि

सामग्री

दीपक (मिट्टी का या धातु का)
घी या तेल (तिल का तेल सबसे अच्छा माना जाता है)
रुई या बत्ती
कपूर
हल्दी
कुमकुम
चावल
फूल
फल
मिठाई
पान
सुपारी
धूप
दीप
कलश (यदि स्थापित हो तो)

इस तरह जलाएं अखंड ज्योति

एक साफ और धुले हुए दीपक को लें. दीपक के अंदर थोड़ी सी हल्दी और कुमकुम लगाएं. दीपक में रुई या बत्ती डालें. दीपक में घी या तेल भरें. एक थाली या चौकी लें. थाली में थोड़े चावल फैलाएं. दीपक को चावलों के ऊपर रखें. दीपक के चारों ओर फूल और फल रखें. थाली में मिठाई, पान, सुपारी, धूप, और दीप रखें. अगर आपके पास कलश स्थापित है, तो उसे दीपक के पास रखें. दीपक के चारों ओर धूप जलाएं. दीपक में कपूर जलाएं. दीपक में तेल या घी की बाती जलाएं. मां दुर्गा का ध्यान करें और उनसे प्रार्थना करें. "ॐ जय दुर्गे" मंत्र का जाप करें. ज्योति को पूरे दिन और रात भर जलने दें. दीपक में नियमित रूप से तेल या घी डालते रहें. बाती जलकर कम हो जाए, तो उसे बदल दें. ज्योति को हवा से दूर रखें. 

अखंड ज्योति जलाने से पहले स्नान कर लें और स्वच्छ वस्त्र पहनें. ज्योति जलाते समय मन को शांत और एकाग्र रखें. ज्योति को बुझने न दें. यदि ज्योति बुझ जाए तो तुरंत उसे फिर से जलाएं. अखंड ज्योति को पूरे नौ दिनों तक जलने दें. नौवें दिन, ज्योति को विसर्जित करें. अखंड ज्योति जलाने के लाभ भी जान लें. इससे मां दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है. घर में सुख-समृद्धि आती है. नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और अखंड ज्योति जलाने से मन को शांति मिलती है. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

Source : News Nation Bureau

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