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Chaitra Navratri 2024 Day 2: इस विधि से करें मां ब्रह्मचारिणी की पूजा, जानें मंत्र और उनके लाभ

Chaitra Navratri 2024 Day 2: चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा का विधान है. आइए जानते हैं पूजा विधि, मंत्र और लाभ

Updated on: 10 Apr 2024, 11:44 AM

नई दिल्ली:

Chaitra Navratri 2024 Day 2: मां ब्रह्मचारिणी नवरात्रि के दूसरे दिन पूजी जाने वाली देवी दुर्गा का दूसरा रूप है. वे ज्ञान, शिक्षा, और तपस्या की देवी हैं. मां ब्रह्मचारिणी का नवरात्रि के दूसरे दिन पूजा का विशेष महत्व है. इस दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से विवाहित और अविवाहित दोनों को धार्मिक और आध्यात्मिक उत्तमता प्राप्त होती है. इसके अलावा, इस दिन विशेष रूप से मां की कृपा को प्राप्त करने का मौका मिलता है और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से साधक को ब्रह्मचर्य, संयम, तपस्या, और ध्यान की शक्ति प्राप्त होती है, जो कि जीवन में सफलता के मार्ग को प्रशस्त करती है. इसलिए, नवरात्रि के इस महत्वपूर्ण दिन पर मां ब्रह्मचारिणी की पूजा का विशेष महत्व है और भक्तों को इसे ध्यान में रखकर आचरण करना चाहिए.

मां ब्रह्मचारिणी के मंत्र और उनके लाभ

1. मूल मंत्र ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः

लाभ ज्ञान और शिक्षा में वृद्धि, तपस्या और आत्म-संयम में शक्ति, मन की एकाग्रता और शांति, जीवन में सकारात्मकता और आशावाद आता है और सभी बाधाओं और विरोधों पर विजय मिलती है.

2. बीज मंत्र

ऐं ह्रीं क्लीं ब्रह्मचारिण्यै नमः 

लाभ आध्यात्मिक ज्ञान और उन्नति, नकारात्मक विचारों और भावनाओं से मुक्ति, आत्म-विश्वास और साहस में वृद्धि, जीवन में सफलता और समृद्धि, भक्ति और समर्पण की भावना बढ़ती है.

3. गायत्री मंत्र ॐ ऐं ह्रीं क्लीं ब्रह्मचारिण्यै विद्महे, वरदायिन्यै धीमहि, तन्नो देवी प्रचोदयात् 

लाभ बुद्धि और विवेक में वृद्धि,निर्णय लेने की क्षमता में सुधार, जीवन में सभी क्षेत्रों में सफलता, सभी प्रकार की विद्या और कला में प्रवीणता, सुखी और समृद्ध जीवन मिलता है.

4. स्तोत्र मंत्र या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता. नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः.. 

लाभ देवी की कृपा और आशीर्वाद प्राप्ति, सभी प्रकार के भय और शत्रुओं से सुरक्षा, जीवन में सुख, शांति और समृद्धि, सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है

मां ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि

सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें. एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर माँ ब्रह्मचारिणी की प्रतिमा स्थापित करें. माँ को फूल, फल, मिठाई, और दीप अर्पित करें. मां ब्रह्मचारिणी के मंत्रों का जाप करें. आरती करें और प्रसाद ग्रहण करें. मां ब्रह्मचारिणी की पूजा के लिए शुभ समय नवरात्रि का दूसरे दिन होता है. इसके अलावा आप किसी भी हफ्ते के बुधवार या पूर्णिमा या फिर शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को उनकी पूजा करते हैं तो आपको इसका विशेष लाभ मिलता है.  मां ब्रह्मचारिणी की पूजा से भक्तों को ज्ञान, शिक्षा, तपस्या, और आत्म-संयम की शक्ति प्राप्त होती है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)