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Chaitra Navratri 2024 Bhog: चैत्र नवरात्रि में 9 देवियों को चढ़ाएं उनका प्रिय भोग, सुख-समृद्धि में होगी वृद्धि

Chaitra Navratri 2024 Bhog: चैत्र नवरात्रि 2024 में भोग अर्पित करने से भक्तों को देवी दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है और समृद्धि का अनुभव होता है. यह परंपरा सामूहिक एकता और भाईचारे की भावना को मजबूत करती है.

Updated on: 10 Apr 2024, 09:47 AM

नई दिल्ली:

Chaitra Navratri 2024 Bhog: चैत्र नवरात्रि एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा के लिए समर्पित है. इन नौ दिनों में, भक्त देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करते हैं और उन्हें भोग अर्पित करते हैं. नवरात्रि में भोग लगाने का महत्व बहुत है. इस पवित्र अवसर पर भगवान दुर्गा की पूजा-अर्चना के दौरान भोग लगाने से पूजा का महत्व और संगीत में उत्साह बढ़ता है. भोग लगाने का प्राचीन परंपरा मानी जाती है, जो पूजा-पाठ के दौरान भगवान को समर्पित किया जाता है. यह परंपरा भक्तों को आत्मा की शुद्धि और पूजा की भावना में विश्वास कराती है. इन भोगों को पूजा के बाद भक्तों को बांटा जाता है, जिससे समाज में भाईचारा और सामूहिक एकता की भावना का संचार होता है. भोग लगाने से पूजा का महत्व और माँ दुर्गा की कृपा मान्य होती है, और भक्तों को आनंदित महसूस होता है. इसके साथ ही, भोग के रूप में प्रसाद मिलने से लोगों को आशीर्वाद मिलता है और समस्त परिवार को सुख और समृद्धि का अनुभव होता है.सामाजिक दृष्टि से भी, भोग लगाने से समाज में एकता और सामूहिक संगठन की भावना को मजबूती मिलती है. इसके साथ ही, भोग के रूप में प्रसाद लेने से भक्तों का मान-सम्मान बढ़ता है और उन्हें आनंद और शांति का अनुभव होता है.

9 देवियों के लिए 9 भोग

मां शैलपुत्री: खीर, नारियल, और गुड़. खीर पवित्रता और शुद्धता का प्रतीक है. केला स्वास्थ्य और समृद्धि का प्रतीक है. अनार सौभाग्य और खुशी का प्रतीक है.

मां ब्रह्मचारिणी: लड्डू, दही, और फल. लड्डू मिठास और खुशी का प्रतीक है. दही पवित्रता और शुद्धता का प्रतीक है. फल स्वास्थ्य और समृद्धि का प्रतीक है.

मां चंद्रघंटा: मालपुआ, दूध, और केला. मालपुआ मिठास और खुशी का प्रतीक है. दूध पवित्रता और शुद्धता का प्रतीक है. केला स्वास्थ्य और समृद्धि का प्रतीक है.

मां कुष्मांडा: पूड़ी, सब्जी, और मिठाई. पूड़ी और सब्जी भोजन का प्रतीक है. मिठाई मिठास और खुशी का प्रतीक है.

मां स्कंदमाता: खीर, केला, और अनार. खीर पवित्रता और शुद्धता का प्रतीक है. केला स्वास्थ्य और समृद्धि का प्रतीक है. अनार सौभाग्य और खुशी का प्रतीक है.

मां कात्यायनी: शहद, फल, और मिठाई. शहद मिठास और खुशी का प्रतीक है. फल स्वास्थ्य और समृद्धि का प्रतीक है. मिठाई मिठास और खुशी का प्रतीक है.

मां कालरात्रि: नारियल, गुड़, और चना. नारियल को कद्दूकस करके या टुकड़ों में करके चढ़ाया जाता है. गुड़ कोそのまま या खीर में मिलाकर चढ़ाया जाता है. चना चढ़ाया जाता है.

मां महागौरी: खीर, पान, और बताशा. खीर को दूध, चावल, चीनी, और सूखे मेवों से बनाया जाता है. पान के पत्ते में सुपारी, कत्था, और गुलकंद डालकर चढ़ाया जाता है. बताशा चढ़ाया जाता है.

मां सिद्धिदात्री: खीर, फल, और मिठाई. फल जैसे कि सेब, अंगूर, और संतरा चढ़ाए जाते हैं. मिठाई जैसे कि लड्डू, बर्फी, या रसगुल्ला चढ़ाए जाते हैं.

भोग अर्पित करते समय इन बातों का ध्यान रखें. भोग ताजा और स्वादिष्ट होना चाहिए. भोग को स्वच्छता से तैयार करना चाहिए. भोग को देवी के सामने श्रद्धा और भक्ति भाव से अर्पित करना चाहिए. नवरात्रि के दौरान भोग अर्पित करने से देवी दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है और आपके जीवन में सुख-समृद्धि आती है. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)