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चैत्र नवरात्र 2021 (Chaitra Navratri 2021): गलती से टूट जाए व्रत तो जरूर करें ये उपाय

चैत्र नवरात्र 2021 (Chaitra Navratri 2021): भक्तों को सबसे पहले इस बात का खास ध्यान रखना चाहिए कि मां के लिए रखा गया व्रत न टूटे. यदि भूलवश आप व्रत खंडित भी कर देते हैं तो इसके लिए भी कुछ उपाय बताए गए हैं, जिनका पालन कर आप व्रत दोष से बच सकते हैं.

Updated on: 09 Apr 2021, 03:00 PM

highlights

  • 13 अप्रैल से शुरू हो रहे हैं चैत्र नवरात्र
  • गलती से व्रत खंडित होने पर जरूर करें ये उपाय

नई दिल्ली:

Chaitra Navratri 2021: 13 अप्रैल से चैत्र नवरात्र की शुरुआत हो रही है. आसान भाषा में इन्हें ग्रीष्मकालीन नवरात्र भी कहते हैं. हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्र का बहुत महत्व होता है. चैत्र नवरात्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि को शुरू होता है और चैत्र शुक्ल नवमी तिथि को संपन्न होता है. इस दौरान मां दुर्गा के नौ रूपों की पूरे विधि-विधान से पूजा अर्चना की जाती है. चैत्र नवरात्र में मां दुर्गा के भक्त नौ दिनों का व्रत भी रखते हैं. मां दुर्गा अपने भक्तों को कभी भी दुख नहीं देती हैं और उन्हें हर मुसीबतों से बचाकर रखती हैं. हालांकि, कई बार भक्तों से जाने-अनजाने में ऐसी भूल हो जाती हैं, जिसकी वजह से मां दुर्गा नाराज हो जाती हैं. कई बार भक्तों से भूल-चूक व्रत भी खंडित हो जाते हैं. कहा जाता है कि व्रत खंडित होना काफी अशुभ माना जाता है.

भक्तों को सबसे पहले इस बात का खास ध्यान रखना चाहिए कि मां के लिए रखा गया व्रत न टूटे. यदि भूलवश आप व्रत खंडित भी कर देते हैं तो इसके लिए भी कुछ उपाय बताए गए हैं, जिनका पालन कर आप व्रत दोष से बच सकते हैं. तो आइए जानते हैं कि व्रत खंडित होने की स्थिति में आपको व्रत दोष से बचने के लिए क्या उपाय करने चाहिए?

आपने नवदुर्गा की जिस देवी का व्रत रखा है, सबसे पहले तो उनके सामने नतमस्तक होकर माफी मांगिए. नव देवी की मूर्ति या तस्वीर पर दूध, दही, शहद, चीनी और तुलसी के पत्ते से चरणामृत बनाकर स्नान कराएं और पूरे विधि-विधान से पूजा अर्चना करें. मां को मनाने के लिए की जा रही पूजा में गंध, अक्षत, फूलों और सोलह प्रकार की पूजा सामग्रियों का इस्तेमाल करें.

इसके अलावा आपने भूलवश जिस देवी का व्रत खंडित किया है, उन्हें मनाने के लिए उनके नाम का हवन कराएं. हवन के दौरान भी मां से माफी मांगें और उनसे विनती करें कि आपकी गलती को माफ करें और आपकी पूजा स्वीकार करें. इसके अलावा आपको देवी मां का मंत्र भी पढ़ता चाहिए, जिससे व्रत दोष से बचा जा सकता है. पूजा-अर्चना करने के बाद ब्राह्मणों को दान भी करें.