Chaitra Navratri 2020: आज से शुरू चैत्र नवरात्रि, इन मंत्रों के साथ करें मां शैलपुत्री की पूजा
चैत्र नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा होती है. मान्यता है कि नवरात्र में पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा करने से व्यक्ति को चंद्र दोष से मुक्ति मिल जाती है.
नई दिल्ली:
आज से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो रही है. चैत्र नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा होती है. मान्यता है कि नवरात्र में पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा करने से व्यक्ति को चंद्र दोष से मुक्ति मिल जाती है. हिमालय की पुत्री के रूप में जन्म लेने के कारण देवी का नाम शैलपुत्री पड़ा. पौराणिक कथा के अनुसार दक्षप्रजापति ने यज्ञ का आयोजन किया. उसमें समस्त देवताओं को आमंत्रित किया किंतु भगवान शिव को नहीं बुलाया. सती यज्ञ में जाने के लिए आतुर हो उठीं. भगवान शिव ने बिना निमंत्रण यज्ञ में जाने से मना किया लेकिन सती के आग्रह पर उन्होंने जाने की अनुमति दे दी. वहां जाने पर सती का अपमान हुआ. इससे दुखी होकर सती ने स्वयं को यज्ञाग्नि में भस्म कर लिया. तब भगवान शिव ने क्रोधित होकर यज्ञ को तहस नहस कर दिया. वही सती अगले जन्म में शैलराज हिमालय की पुत्री के रूप में जन्मीं और शैलपुत्री कहलाईं.
यह भी पढ़ें: Chaitra Navratri 2020: नवरात्रि के दिन भूल कर भी न करें ये काम
कहां है माता शैलपुत्री का मंदिर
· काशी में इनका स्थान मढिया घाट बताया गया है जो वर्तमान में अलईपुर क्षेत्र में है.
· मां शैलपुत्री का मंदिर बेहद प्रसिद्द है.
· ये एक प्राचीन मंदिर है और मान्यताओं के मुताबिक यही मां शैलपुत्री का पहला मंदिर है.
· पहले नवरात्रि के दिन इस मंदिर में पांव रखने की भी जगह नहीं रहती.
· कहा जाता है कि सुहागनें अपने सुहाग की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थय के लिए मां शैलपुत्री के मंदिर आती हैं.
· इस मंदिर में भक्तजन लाल फूल , लाल चुनरी और नारियल के साथ सुहाग का सामान चढ़ाते हैं.
· महाआरती भी होती और मां शैलपुत्री की कथा भी सुनाई जाती है.
· यहां लोग काफी दूर-दूर से मन्नत मांगने आते हैं और मन्नत पूरी हो जाने पर पूजा करवाते हैं.
· कहा जाता है की शिव की धरती वाराणसी में मौजूद माता का यह मंदिर इतना शक्तिशाली है कि यहां मांगी गई हर मुराद पूरी हो जाती है.
मंदिर से जुड़ी कथा
· नवरात्र में इस मंदिर में पूजा करने का खास महत्व होता है.
· माना जाता है कि अगर आपके दापत्यं जीवन में परेशानी आ रही है तो यहां पर आने से आपको सभी कष्टों से निजात मिल जाता है.
· इस मंदिर को लेकर एक कथा प्रचलित है.
· इसके अनुसार माना जाता है कि मां कैलाश से काशी आई थी.
· मां पार्वती ने हिमवान की पुत्री के रूप में जन्म लिया और शैलपुत्री कहलाईं. एक बार की बात है जब माता किसी बात पर भगवान शिव से नाराज हो गई और कैलाश से काशी आ गईं. इसके बाद जब भोलेनाथ उन्हें मनाने आए तो उन्होंने महादेव से आग्रह करते हुए कहा कि यह स्थान उन्हें बेहद प्रिय लगा लग रहा है और वह वहां से जाना नहीं चाहती. जिसके बाद से माता यहीं विराजमान हैं. माता के दर्शन को आया हर भक्त उनके दिव्य रूप के रंग में रंग जाता है.
· यह एक ऐसा मंदिर है जहां पर माता शैलपुत्री की तीन बार आरती होने का साथ-साथ तीन बार सुहाग का सामान भी चढ़ता है.
· भगवती दुर्गा का पहला स्वरूप शैलपुत्री का है. हिमालय के यहां जन्म लेने से उन्हें शैलपुत्री कहा गया. इनका वाहन वृषभ है.
· उनके दाएं हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल है.
· इन्हें पार्वती का स्वरूप भी माना गया है .
· ऐसी मान्यता है कि देवी के इस रूप ने ही शिव की कठोर तपस्या की थी.
यह भी पढ़ें: Gudi Padwa: महाराष्ट्र में गुड़ी पाड़वा मनाने के पीछे ये है बड़ी मान्यता
मां शैलपुत्री के मंत्र-
1. ऊँ शं शैलपुत्री देव्यै: नम:
2. वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्। वृषारुढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥
3. वन्दे वांछित लाभाय चन्द्राद्र्वकृतशेखराम्। वृषारूढ़ा शूलधरां यशस्विनीम्॥
4. या देवी सर्वभूतेषु माँ शैलपुत्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥ मां
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Salman Khan Spotted in Airport: घर में फायरिंग के बाद काम पर निकले सलमान, एयरपोर्ट पर कड़ी सुरक्षा के साथ हुए स्पॉट
-
Kajol Daughter : निसा के बर्थडे से पहले इमोशनल हुईं काजोल, बेटी के लिए बयां किया प्यार
-
Lok Sabha Elections 2024: रजनीकांथ से लेकर कमल हासन तक वोट देने पहुंचे ये सितारे, जागरूक नागरिक होने का निभाया फर्ज
धर्म-कर्म
-
Akshaya Tritiya 2024: 10 मई को चरम पर होंगे सोने-चांदी के रेट, ये है बड़ी वजह
-
Abrahamic Religion: दुनिया का सबसे नया धर्म अब्राहमी, जानें इसकी विशेषताएं और विवाद
-
Peeli Sarso Ke Totke: पीली सरसों के ये 5 टोटके आपको बनाएंगे मालामाल, आर्थिक तंगी होगी दूर
-
Maa Lakshmi Mantra: ये हैं मां लक्ष्मी के 5 चमत्कारी मंत्र, जपते ही सिद्ध हो जाते हैं सारे कार्य