PM Modi: आज से तीन देशों की यात्रा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कनाडा में G7 समिट होंगे शामिल, साइप्रस-क्रोएशिया का भी करेंगे दौरा
Father's Day से शुरू करें पापा की ये बातें मानना, जिंदगी बन जाएगी खुशहाल
Weather Update: दिल्ली-एनसीआर में बदला मौसम का मिजाज, तेज हवाओं के साथ हुई बारिश, जानें अन्य राज्यों का हाल?
WTC Final: ऑस्ट्रेलिया को फाइनल में 5 विकेट से हराकर साउथ अफ्रीका बनी चैंपियन, 27 साल बाद जीती ICC ट्रॉफी
हादसे के शिकार एयर इंडिया विमान के दाहिने इंजन की मार्च में हुई थी मरम्मत, रिपोर्ट में सामने आया सच
इजराइली हमलों की निंदा करने वाले बयान से भारत ने खुद को रखा दूर, SCO की चर्चा में शामिल नहीं
भारत नवंबर 2025 में दृष्टिहीन महिलाओं के टी20 क्रिकेट विश्व कप की करेगा मेजबानी
राजा रघुवंशी हत्याकांड : इंदौर में परिजनों और शहरवासियों ने निकाला कैंडल मार्च, आरोपियों को फांसी देने की मांग
भारतीय जूनियर महिला हॉकी टीम ने ऑस्ट्रेलिया को 2-1 से हराकर यूरोप में अपना अपराजेय अभियान जारी रखा

चैत्र नवरात्रि 2018: मां दुर्गा के छठे स्वरूप की करें पूजा, महिषासुर का वध करने के लिए मां कात्यायनी ने लिया था जन्म

देवी कात्यायनी फलदायिनी हैं। इनकी पूजा अर्चना द्वारा सभी संकटों का नाश होता है। मां कात्यायनी दानवों और पापियों का नाश करने वाली हैं।

देवी कात्यायनी फलदायिनी हैं। इनकी पूजा अर्चना द्वारा सभी संकटों का नाश होता है। मां कात्यायनी दानवों और पापियों का नाश करने वाली हैं।

author-image
Sonam Kanojia
एडिट
New Update
चैत्र नवरात्रि 2018: मां दुर्गा के छठे स्वरूप की करें पूजा, महिषासुर का वध करने के लिए मां कात्यायनी ने लिया था जन्म

आज मां दुर्गा के छठे स्वरूप का दिन है

आज मां दुर्गा के छठे स्वरूप का दिन है। मां दुर्गा की छठी दिव्य शक्ति को कात्यायनी के रूप में जाना जाता है। कात्यायन ऋषि की पुत्री के रूप में जन्म लेने के कारण उनके इस स्वरूप का नाम कात्यायनी पड़ा। इसी स्वरूप में मां ने महिषासुर का वध किया था।

Advertisment

देवी कात्यायनी फलदायिनी हैं। इनकी पूजा अर्चना द्वारा सभी संकटों का नाश होता है। मां कात्यायनी दानवों और पापियों का नाश करने वाली हैं। उनका स्वरूप अत्यन्त दिव्य और स्वर्ण के समान चमकीला है। यह अपनी प्रिय सवारी सिंह पर विराजमान रहती हैं। इनकी चार भुजायें भक्तों को वरदान देती हैं। इनका एक हाथ अभय मुद्रा में है, तो दूसरा हाथ वरदमुद्रा में है और अन्य हाथों में तलवार-कमल का फूल है।

ये भी पढ़ें: BARC ratings week 11: TRP रेस में कुंडली भाग्य अब भी नंबर 1

मां कात्यायनी की पूजा विधि:

मां कात्यायनी की भक्ति से मनुष्य को अर्थ, कर्म, काम, मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है। दुर्गा पूजा के छठे दिन भी सर्वप्रथम कलश और उसमें उपस्थित देवी देवता की पूजा करें। फिर माता के परिवार में शामिल देवी देवता की पूजा करें, जो देवी की प्रतिमा के दोनों तरफ विराजमान हैं।

इनकी पूजा के पश्चात देवी कात्यायनी जी की पूजा की जाती है। पूजा की विधि शुरू करने पर हाथों में फूल लेकर देवी को प्रणाम कर देवी के मंत्र का ध्यान किया जाता है।

देवी कात्यायनी की अराधना का मंत्र:

कात्यायनी मुखं पातु कां स्वाहास्वरूपिणी।
ललाटे विजया पातु मालिनी नित्य सुन्दरी॥
कल्याणी हृदयं पातु जया भगमालिनी॥

ये भी पढ़ें: अल्जाइमर रोकने में मदद कर सकता है चुकंदर, शोध में हुआ खुलासा

Source : News Nation Bureau

navratri 2018
      
Advertisment