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Buddha Purnima 2023 : बुद्ध पूर्णिमा पर जान लें भगवान बुद्ध के जीवन से जुड़ी ये 10 बड़ी बातें

वैशाख माह की पूर्णिमा तिथि दिनांक 05 मई दिन शुक्रवार को है.

Updated on: 03 May 2023, 01:10 PM

नई दिल्ली :

Buddha Purnima 2023 : वैशाख माह की पूर्णिमा तिथि दिनांक 05 मई दिन शुक्रवार को है. इसी दिन भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था. इसलिए इस दिन जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है. वहीं गौतम बुद्ध ने अपने प्रवचनों में बताया था कि जीवन को सुखी और सफल कैसे बना सकते हैं. हमें परेशानियों से बचने  के लिए बुद्ध द्वारा बताई गई बातों को अपनाना चाहिए.  गौतम बुद्ध बौद्ध धर्म के संस्थापक हैं और हिन्दू धर्म में इन्हें भगवान विष्णु का अवतार भी माना जाता है. वहीं इस दिन 130 साल बाद महासंयोग भी बन रहा है, जो बहुत ही शुभ माना जा रहा है. अब इस दिन चंद्र ग्रहण भी लगने जा रहा है, तो ऐसे में आइए आज हम आपको अपने इस लेख में बुद्ध पूर्णिमा के दिन भगवान बुद्ध के जीवन से  संबंधित 10 बड़ी बातों के बारे में विस्तार से बताएंगे. 

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भगवान बुद्ध के जीवन से संबंधित ये 10 बड़ी बातें

1. शक करने की आदत बहुत खतरनाक होती है. शक नशा की तरह होता है. ये लोगों को अलग कर देता है. ये आदत पति-पत्नी का रिश्ता, दो दोस्तों की दोस्ती और दो प्रेमियों का प्रेम भी खत्म कर सकती है. इसलिए इससे बचना चाहिए.

2. हम किसी भी बात पर जैसे ही क्रोधित होते हैं, हम सच का रास्ता छोड़कर अपने लिए प्रयास करने लग जाते है. क्रोधित व्यक्ति स्वार्थी हो जाता है, वह सिर्फ अपनी बात मनवाने की कोशिश करता रहता है. इसलिए क्रोध करने से बचना चाहिए.

3.  ईर्ष्या और नफरत की भावनाएं जीवन में कोई भी खुशी हासिल नहीं करने देती हैं. ये भावनाएं हमारे मन की शांति खत्म कर देती हैं. 

4. अज्ञानी व्यक्ति बैल के समान होता है. वह ज्ञान में नहीं, सिर्फ आकार में बढ़ा दिखता है. इसलिए ज्ञानी लोगों से संपर्क बनाएं. 

5.  क्रोध को पाले रखना, गर्म कोयले को किसी और पर फेंकने के लिए पकड़े रहने के सामान होता है.  इसमें हमारा हाथ भी जलता है. 

6.  इस संसार में कभी भी खुशी और सुख स्थाई नहीं होता है.  ठीक इसी तरह दुख भी स्थाई नहीं होता है. अगर आप अंधेरे में डूबे हैं, बुरे समय का सामना कर रहे हैं तो आपको रोशनी की तलाश करनी चाहिए.

7.  बीते हुए समय को याद नहीं करना चाहिए. ये भविष्य के लिए सपने नहीं देखना चाहिए, बल्कि अपने दिमाग को वर्तमान में ही केंद्रित कर अपना काम करना चाहिए.

8. जीवनभर बिना ध्यान के साधना करने की अपेक्षा जीवन में एक दिन समझदारी से जीना कहीं अच्छा होता है. 

9. आप अपने गुस्से के लिए दंडित नहीं होते हैं, आप अपने गुस्से से ही दंडित होते हैं.

10. हर इंसान अपने स्वास्थ्य या बीमारी का लेखक है। इसीलिए खान-पान और दिनचर्या का विशेष ध्यान रखना चाहिए.