बुद्ध पूर्णिमा आज: जानें पूरी दुनिया में ज्ञान का प्रकाश फैलाने वाले गौतम बुद्ध के बारें में 10 रोचक बातें
बुद्ध ने अपने अनुयायियों को तीन प्रमुख सिद्धांत सिखाये हैं। पहला घमंडी नहीं होना चाहिए, दूसरों से नफरत न करें, तीसरा अपने गुस्से का त्याग करें।
नई दिल्ली:
सिद्धार्थ गौतम को शाक्यमुनी के नाम से भी जाना जाता है, जिन्होंने बौद्ध धर्म की स्थापना की थी और बाद में उन्हें बुद्ध नाम से जाना गया है। बुद्ध पूर्णिमा के दिन गौतम बुद्ध का जन्मदिन मनाया जाता है, क्योंकि यह माना जाता है कि उनका जन्म पूर्णिमा के दिन हुआ था।
आइए हम आपको गौतम बुद्ध से जुड़े ऐसे ही कुछ रोचक तथ्य बताते हैं, जो शायद ही आपने इससे पहले पढ़ा हो।
1. बुद्ध ने अपने अनुयायियों को तीन प्रमुख सिद्धांत सिखाये हैं। पहला घमंडी नहीं होना चाहिए, दूसरों से नफरत न करें, तीसरा अपने गुस्से का त्याग करें।
2. गौतम बुद्ध का जन्म एक महान राजा के घर हुआ था। लेकिन सच्चाई के मार्ग का पालन करने के लिए उन्होंने अपना घर तक छोड़ दिया था और वन में जाकर ईश्वर की तपस्या में लीन हो गए थे। इसके बाद उन्हें सिद्धार्थ के बजाय गौतम बुद्ध के नाम से जाना जाने लगा।
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3. ऐसा कहा जाता है कि वह नियमित रूप से उपवास करते थे और सामान्यतः वह मीलों तक का पैदल ही सफर तय करते थे, जिससे वह चारों तरफ ज्ञान फैला सकें।
4. गौतम बुद्ध के जन्म के बाद एक संत ने यह भविष्यवाणी की थी कि वह आगे चलकर राजा या संत बनेंगे, जो पूरी दुनिया में अपने ज्ञान के प्रकाश से बदलाव लाएंगे।
5. बुद्ध की शिक्षा बेहद ही जुदा थी। उनकी शैक्षणिक तकनीक में प्रमुख पत्थरों की इमारतों पर लिखकर और आपस में शब्दों का आदान-प्रदान करने जैसे अहिंसक तरीके शामिल हैं।
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6. अनुमान लगाया गया है कि बुद्ध ने लगभग 80 वर्ष की उम्र तक यात्रा की और अपने अनुयायियों से अनुरोध किया कि वह इस दुनिया में अपने ज्ञान से नकारात्मक चीजों को बदल सकते हैं। इससे वह खुद का उद्धार और आत्मसंतुष्टि महसूस करेंगे।
7. कहा जाता है कि 483 ई.पू. में वर्तमान उत्तरप्रदेश के कुशीनगर में उनका निधन हो गया था। उनकी मृत्यु के बाद भी पूरी दुनिया के लोग उनके बताये सच्चाई और दयालुता का अब भी अनुसरण करते हैं।
8. बौद्ध धर्म का मूलाधार चार आर्य सत्य हैं। ये चार आर्य सत्य हैं- दुःख, दुःख समुदाय, दुःख निरोध और दुःख निरोध-गामिनी-प्रतिपदा(दुःख निवारक मार्ग) यानी अष्टांगिक मार्ग।
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9. बौद्ध धर्म के दो प्रमुख सम्प्रदाय हैं, हीनयान और महायान। हीनयान सम्प्रदाय के लोग श्रीलंका, म्यांमार और जावा आदि देशों में फैले हुए हैं।
10. गौतम बुद्ध का विवाह यशोधरा से हुआ था, जिससे उन्हें एक पुत्र की प्राप्ति हुई उसका नाम राहुल था।
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