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British PM Sunak: ब्रिटिश पीएम सुनक के हाथों क्यों बांधा रहता है कलावा, जानें इसका महत्व

British PM Sunak: ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक के हाथों में हमेश कलावा बांधा हुआ रहता है. आखिर क्या है इसका महत्व और क्या कहता है सनतान धर्म इस पर.

Updated on: 17 Sep 2023, 06:52 PM

नई दिल्ली:

British PM Sunak: ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक भारतीय मूल के हैं. उनका हिंदू प्रेम कई बार देखा जा चुका है. कभी वो भागवत कथा सुनते है तो कभी मंदिर में पुजा करते हुए दिखाई देते हैं. इसी महीने वो जी20 समिट में भाग लेने के लिए भारत, दिल्ली पहुंचे थे. इस दौरान उनका भगवान के प्रति पूरी श्रद्धा दिखाई दी. बैठक के बाद समय मिलने पर सुबह - सुबह बारिश के बीच पीएम सुनक अपनी पत्नी अक्षता मूर्ति के साथ दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर पहुंचे. यहां दोनों ने पूरे विधि-विधान के साथ पूजा करते हुए नजर आए.

पीएम सुनक का हिंदू प्रेम

इसी बीच पीएम सुनक कलावा बांधाते हुए दिखाई दिए. वहीं, कलावा उनके हाथ में हमेशा बांधा हुआ देखा जा सकता है. लेकिन आप जानते है कि इस कलावा का क्या मतलब होता है और हिंदू धर्म अनुसार इसे क्यों बांधा जाता है. हम सब जब भी कोई पूजा या त्योहार में शामिल होते है सबसे पहले कलावा बांधते हैं. मौली, रक्षासूत्र या कलावा बांधना सनातन का अभिन्न हिस्सा हमेशा से रहा है. कोई भी सनातनी जब कभी भी किसी पूजा या यज्ञ में शामिल होता है तो इससे पहले इस काम के लिए संकल्प लेते हुए रक्षासूत्र बांधता है. वहीं, इसे बांधने के लिए भी शास्त्रों में कुछ नियम बताए गए हैं.

क्या है इसका धर्मिक अर्थ

कलावा तीन धागों से मिलकर बनता है. ये तीन रंग हरा, पीला या लाल होता है. समान्यत ये रेशम के धागों से तैयार किया जाता है. ये तीन धागे त्रिमूर्ति (ब्रह्मा, विष्णु और महेश) को दर्शाता है. भगवान विष्णु जब वामन अवतार लिए तो उन्होंने असुरो के सम्राट बलि के अमर रहने के लिए कलाई पर कलावा या रक्षासूत्र बांधा था. 

कब बांधे मौली

मौली को आमतौर पर कलाई, कमर या गलें में बांधा जाता है. वहीं लोग भगवान से मन्नत के लिए मंदिरों में भी बांधते हैं. परंपरा के अनुसार मन्नत पूरा होने पर इसे खोल लिया जाता है. मौली को लोग घर में नई वस्तु लाए जाने पर भी लगाते हैं.

क्या है इसका महत्व 

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, माना जाता है कि मौली धारण करने वाले को कफ, वात और पित्त की समस्या नहीं होती है. वहीं, सनातन धर्म के अनुसार इसे बांधने के लिए खास मंत्र का उपयोग किया जाता है. माना जाता है कि कलावा बांधे होने पर उसकी रक्षा होती है. वहीं इसके बांधने के लिए सबसे उपयुक्त समय मंगलवार या शनिवार होता है. इस दिन आप अपनी पुरानी मौली उतार कर मंत्रों से साथ नया धारण कर सकते हैं. पुराने मौली को हटाने के बाद इसे कहीं भी नहीं फेंकना चाहिए. इसे किसी पेड़ के नीचे या मिट्टी में गाड़ देना चाहिए.