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Bhojan Ke Niyam: बारहमासा भोजन का शाश्वत नियम क्या है, जानें शास्त्रों में लिखी ये जरूरी बात 

Bhojan Ke Niyam: शास्त्रों में खाने के नियमों को लेकर भी लिखा गया है. आपको किस महीने क्या खाना चाहिए और किस महीने किन चीजों का परहेज करना चाहिए इसके शाश्वत नियम हैं.

Bhojan Ke Niyam: शास्त्रों में खाने के नियमों को लेकर भी लिखा गया है. आपको किस महीने क्या खाना चाहिए और किस महीने किन चीजों का परहेज करना चाहिए इसके शाश्वत नियम हैं.

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Inna Khosla
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Bhojan Ke Niyam

Bhojan Ke Niyam( Photo Credit : News Nation)

Bhojan Ke Niyam: बारहमासा, ऋतुचक्र के अनुसार भोजन का एक शास्त्रीय मार्गदर्शन है, जो वर्ष के प्रत्येक महीने में स्वास्थ्य और ऊर्जा बनाए रखने के लिए क्या खाना चाहिए, इसकी जानकारी देता है. यह सदियों से चली आ रही एक परंपरा है, जो आयुर्वेद के सिद्धांतों पर आधारित है. बारहमासा भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण तत्व है, जिसमें वर्ष के बारह महीनों के लिए विभिन्न गतिविधियां, रीतियां, पर्व, और खान-पान का वर्णन किया जाता है. इसका उद्देश्य मौसम के अनुसार स्वास्थ्यवर्धक भोजन और जीवनशैली को बढ़ावा देना है. भोजन के शाश्वत नियम का मुख्य तत्व यह है कि मौसम के अनुसार खाने का महत्व समझाया जाए.

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सावन मास में हर्रै, भादों मास में चिरायता, क्वार मास में गुड़ कार्तिक में मूली, अगहन में तेल, पौष मास में दूध, माघ मास में घी और खिचड़ी, फागुन मास में प्रातः स्नान, चैत मास में नीम का सेवन, वैशाख मास में जड़हन का भात खाना चाहिए जेठ मास में दिन में सोने वाले व्यक्ति को आषाढ़ में ज्वर नहीं होता और वह स्वस्थ रहता है. अगर विस्तार से समझें कि 12 महीनें में कब क्या खाना है तो ये भी जान लें. 

चैत्र महीना: गुड़ का सेवन न करें. सूर्योदय के समय चने चबाएं.

वैशाख महीना: तेल का सेवन कम करें. बेल का रस पीएं. 

जेठ महीना: राई का सेवन न करें. दिन में 20 मिनट के लिए विश्राम जरूर करें.

आषाढ़ महीना: बेल फल का सेवन करें. खेलकूद में भाग लें. 

सावन महीना: दिन में केवल एक बार भोजन करें. 

भादो महीना: शाम को भोजन न करें. 

क्वांर (आश्विन) महीना: सुबह और शाम दोनों समय भोजन करें, लेकिन कम मात्रा में. स्वास्थ्य पर ध्यान दें. 

कार्तिक महीना: दीपावली तक दिन में चार बार भोजन कर सकते हैं. 

अग्रहायण (मार्गशीर्ष) महीना: घी का सेवन करें. गुड़ का सेवन कम करें. 

पौष महीना: तिल का सेवन करें. गुड़ का सेवन करें. 

माघ महीना: घी और गुड़ का सेवन करें. हरी सब्जियां खाएं. 

फाल्गुन महीना: सभी प्रकार के भोजन का सेवन करें.

बारहमासा एक प्राचीन भारतीय परंपरा है जो वर्ष के विभिन्न महीनों में खान-पान के बारे में मार्गदर्शन प्रदान करती है. यह ऋतुओं और जलवायु के अनुसार भोजन के चयन और सेवन के तरीके को दर्शाता है, जिसका उद्देश्य स्वास्थ्य और संतुलन बनाए रखना है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

Source : News Nation Bureau

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