Pradosh Vrat 2025: हर महीने की कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है. जब ये तिथि मंगलवार के दिन पड़ती है तो इसे भौम प्रदोष व्रत कहा जाता है. भौम शब्द मंगल ग्रह का दूसरा नाम है और इस व्रत का संबंध मंगल ग्रह से भी है. भगवान शिव और हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए इस दिन विशेष पूजा और उपाय भी किए जाते हैं. ऐसी मान्यता है कि इससे व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि और शांति आती है. व्यक्ति का आत्मविश्वास को बढ़ाता है और उसे नकारात्मक ऊर्जा से छुटकारा मिलता है. भगवान शिव को संहार का देवता माना जाता है, जबकि हनुमान जी को शक्ति, भक्ति और सेवा का प्रतीक माना जाता है. दोनों देवताओं की कृपा प्राप्त करने के लिए कुछ ज्योतिषीय उपाय और टोटके बताए गए हैं.
भौम प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त
प्रदोष काल: शाम 6 बजकर 18 मिनट से रात 8 बजकर 49 मिनट तक.
भगवान शिव और हनुमान जी की कृपा पाने के उपाय
दोनों देवताओं की कृपा एकसाथ पाने के लिए भौम प्रदोष व्रत (Bhaum Pradosh Vrat) रखा जाता है. ये दिन भगवान शिव और हनुमान जी दोनों को समर्पित है. इस व्रत को करने से दोनों देवताओं की कृपा प्राप्त होती है. इसके अलावा, अगर आप दोनों देवताओं का आशीर्वाद एक साथ पाना चाहते हैं तो आप शनिवार के दिन हनुमान जी और शिव जी की पूजा एक साथ करना शुरू कर दें. अपने कर्मों को शुद्ध रखें, दूसरों की मदद करें और अपने माता-पिता और गुरुओं का सम्मान करें.
भगवान शिव की कृपा पाने के उपाय
नियमित रूप से शिवलिंग की पूजा करें. शिवलिंग पर जल, दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से अभिषेक करें. ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करें. यह मंत्र भगवान शिव को प्रसन्न करने का सबसे सरल तरीका है. महाशिवरात्रि के दिन व्रत रखें और भगवान शिव की विशेष पूजा करें. रुद्राक्ष को भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है. इसे धारण करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है.
हनुमान जी की कृपा पाने के उपाय
नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करें. सुंदरकांड का पाठ भी कर सकते हैं. इसे करने से हनुमान जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है. मंगलवार का दिन हनुमान जी को समर्पित है. इस दिन व्रत रखने से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं. हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाने से उनकी कृपा प्राप्त होती है. राम नाम का जाप करने से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)