Bhaum pradosh vrat: भौम प्रदोष व्रत से दूर होते हैं सभी संकट, जाने क्या है पूजा विधि
भौम प्रदोष व्रत में भगवान शिव के साथ हनुमान की पूर्जा-अर्चना होती है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन प्रदोष व्रत कथा पढ़ने या सुनने वालों के सारे संकट खत्म हो जाते हैं.
नई दिल्ली:
आज कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की त्रयोदिशी तिथि है, इस दिन प्रदोष व्रत रखा जाता है. हर प्रदोष व्रत के दिन पूरे विधि विधान से भगवान भोलेनाथ की पूजा—अर्चना होती है. ये प्रदोष मंगलवार के दिन पड़ता है, उसे भौम प्रदोष व्रत के नाम से पुकारा जाता है. भौम प्रदोष व्रत में भगवान शिव के साथ हनुमान भी भी आराधना की जाती है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन प्रदोष व्रत कथा पढ़ने या सुनने वालों के सारे संकट दूर हो जाते हैं. प्रदोष व्रत रखने वाले भक्तों को सुबह जल्द उठकर स्नान करना होता है और साफ-सुथरे वस्त्र पहनने होते हैं.
प्रदोष व्रत की पूजा विधि
घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित कर शंकर भगवान का गंगा जल से अभिषेक करा जाता है। इसके साथ पुष्प अर्पित किए जाते हैं. भौम प्रदोष वाले दिन भोलेनाथ के साथ माता पार्वती और भगवान गणेश की पूजा-अर्चना की जाती है. भोग लगाने के साथ भोलेनाथ की आरती करें और पूरे दिन उनका मनन करें.
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भौम प्रदोष व्रत का महत्व
मंगलवार के दिन हनुमान जी की उपासना की जाती है. जिस व्यक्ति की कुंडली में मंगल का दोष हो उसे भौम प्रदोष का व्रत रखना जरूरी है. मान्यता के अनुसार भौम प्रदोष व्रत के दिन भगवान हनुमान की आराधना से हर तरह के कर्ज से मुक्ति मिलती है. इस व्रत को रखने से हर तरह की मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. इस दिन व्रत और पूजा-पाठ से हर कष्ट मिट जाते हैं और भगवान शिव-हनुमान की विशेष कृपा होती है.
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