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Bhairav Baba Ki Aarti: ऐसे करें भैरव देव की आरती, हर मनोकामना होगी जल्द पूरी

Bhairav Baba Ki Aarti: काल भेरव की पूजा का विशेष तरीका होता है. तंत्र मंत्र विद्याओं को सिद्ध करने के लिए इनकी पूजा की जाती है. लेकिन इनकी सामान्य आरती करने का सही तरीका क्या है आइए जानते हैं.

Updated on: 05 Dec 2023, 12:00 PM

New Delhi:

Bhairav Baba Ki Aarti: श्री भैरव देव की आरती खूब ध्वनियों के साथ की जाती है. अन्य देवी देवताओं की तरह इनकी आरती के समय भी ज्योत जलाते हैं, भैरव बाबा की आरती उतारते हैं लेकिन आरती गाते समय सभी लोग इनके सामने सिर झुकाकर खड़े होते हैं. आरती को समाप्त करते समय भक्त विशेष भक्ति भाव से "जय भैरव देव, प्रभु जय भैरव देव" कहते हैं. आरती के बाद, भक्त धूप, दीप, फूल, और प्रशाद के साथ पूजा का समापन करते हैं. वैसे ये सबकी भक्ति पर निर्भर करता है. हम आपको भैरव बाबा की आरती बता रहे हैं. बस एक बात का ध्यान रखें कि इनकी पूजा करने से पहले आप स्नान आदि कर लें साफ वस्त्र धारण करें. पूजा के समय कभी मन में गलत विचार ना लाएं. किसी का बुरा सोचने से बेहतर होता है कि आप अपने भले के बारे में सोचें. फिर भैरव बाबा की कृपा से जो भी आपका बुरा सोच रहा होता है वो अपने आप ही आपके जीवन से दूर हो जाता है. 

भैरव देव की आरती:

आरती की शुरुआत होती है एक प्रभावशाली ध्वनि के साथ।

॥ श्री भैरव देव जी आरती ॥

जय भैरव देवा, प्रभु जय भैरव देवा ।
जय काली और गौर देवी कृत सेवा ॥
॥ जय भैरव देवा...॥

तुम्ही पाप उद्धारक दुःख सिन्धु तारक ।
भक्तो के सुख कारक भीषण वपु धारक ॥
॥ जय भैरव देवा...॥

वाहन श्वान विराजत कर त्रिशूल धारी ।
महिमा अमित तुम्हारी जय जय भयहारी ॥
॥ जय भैरव देवा...॥

तुम बिन देवा सेवा सफल नहीं होवे ।
चौमुख दीपक दर्शन दुःख खोवे ॥
॥ जय भैरव देवा...॥

तेल चटकी दधि मिश्रित भाषावाली तेरी ।
कृपा कीजिये भैरव, करिए नहीं देरी ॥
॥ जय भैरव देवा...॥

पाँव घुँघरू बाजत अरु डमरू दम्कावत ।
बटुकनाथ बन बालक जल मन हरषावत ॥
॥ जय भैरव देवा...॥

बटुकनाथ जी की आरती जो कोई नर गावे ।
कहे धरनी धर नर मनवांछित फल पावे ॥
॥ जय भैरव देवा...॥

तो आप भी अगर आज भैरव जयंति के दिन भैरव बाबा का स्मरण कर रहे हैं तो घर में पूजा के समय उनकी आरती जरूर गाएं. बाबा की प्रतिमा अगर आपके घर में स्थापित नहीं है तो आप उनका कोई चित्र भी बाज़ार से लेकर आ सकते हैं. अपने फोन, लेपटॉप या टीवी में उनकी प्रतिमा खोलकर उसके सामने भी आरती कर सकते हैं. भैरव बाबा की पूजा के समय गलती से भी गलत भाव अपने मन में ना आने दें. सच्चे मन से की गयी उनकी पूजा का फल भी जल्द मिलता है. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।) 

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