भैया दूज 2019: बहनें इस शुभ मुहूर्त में करें भाई को तिलक, सुख-समृद्धि के साथ मिलेगी लंबी उम्र
भाई-बहन के बीच प्रेम का प्रतीक पर्व भैया दूज मंगलवार को धूमधाम से मनाया जाएगा. बहन अपने भाई को पूजा के बाद टीका लगाकर उनकी सुख-समृद्धि और दीर्घायु की कामना करेंगी.
नई दिल्ली:
भाई-बहन के बीच प्रेम का प्रतीक पर्व भैया दूज (bhai dooj) मंगलवार को धूमधाम से मनाया जाएगा. बहन अपने भाई को पूजा के बाद टीका लगाकर उनकी सुख-समृद्धि और दीर्घायु की कामना करेंगी. भाई-बहन के पवित्र बंधन का यह पर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है. इस त्योहार को यम द्वितीया भी कहा जाता है. पूजा के बाद भाई के तिलक का शुभ मुहूर्त दोपहर 1.11 से 3.23 बजे तक रहेगा. इस मुहूर्त में भाई को टीका लगाकर उसके लिए प्रार्थना करेंगी तो उनकी मनोकामना पूरी होगी.
भैया दूज (bhai dooj) को लेकर एक पौराणिक कहानी है. कथा के मुताबिक जब यमराज अपनी बहन यमुना से मिलने के लिए जाते हैं और उसी परम्परा को आगे बढ़ाते हुए पूरा देश इस दिन को भाई दूज के रूप में मनाता है.इस दिन यम देवता के पूजन का खास महत्व है.इस दिन यमुना, चित्रगुप्त और यमदूतों की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है.कथा के अनुसार सूर्य की संज्ञा नामक पत्नी से दो संतानें थी.पुत्र यमराज और पुत्री यमुना, संज्ञा सूर्य का तेज सहन नहीं कर पाईं, जिसके चलते उन्होंने अपनी छाया का निर्माण कर अपने पुत्र -पुत्री को उसे सौंपकर वहां से चली गई.
इसे भी पढ़ें:Video: छठ पूजा के लिए विदेश से आ गई ये बहू, आप लोगों ने इसे बहुत किया था Like
छाया को यम और यमुना से कोई लगाव नहीं था, लेकिन भाई और बहन में बहुत प्रेम था. यमुना अपने भाई यमराज से उसके घर आने का निवेदन करती थी, लेकिन यमराज यमुना की बात को टाल जाते थे. एक बर कार्तिक शुक्ल द्वितीया के दिन यमराज अपनी बहन यमुना से मिलने पहुंचे. यमुना अपने द्वार पर अचानक यमराज को देखकर बेहद खुश हो गई.यमुना ने अपने भाई का स्वागत-सत्कार कर उन्हें भोजन करवाया.बहन के आदर सत्कार से खुश होकर यमदेव ने यमुना से कुछ मांगने को कहा तभी यमुना ने उनसे हर साल इस तिथि के दिन उनके घर आने का वरदान मांगा.ऐसी मान्यता है कि जो भाई आज के दिन बहन से तिलक करवाता है उसे कभी अकाल मृत्यु का भय नहीं सताता.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Good Friday 2024: क्यों मनाया जाता है गुड फ्राइडे, जानें प्रभु यीशु के बलिदान की कहानी
-
Sheetala Ashtami 2024: कब है 2024 में शीतला अष्टमी? जानें पूजा कि विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व
-
Chaitra Navaratri 2024: भारत ही नहीं, दुनिया के इन देशों में भी है माता के शक्तिपीठ
-
Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य के अनुसार देश का शासक कैसा होना चाहिए, जानें