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Bhai Dooj 2018: जानें भाई दूज पर क्या है तिलक का शुभ मुहूर्त, कैसें करें पूजन की पूरी हो मनोकामना

हिंदू धर्म के अनुसार ऐसी धार्मिक आस्था है कि इस दिन बहन के घर भोजन करने से भाई की उम्र बढ़ती है. इस दिन यमराज बहनों की ओर से मांगी गई मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं...

Updated on: 09 Nov 2018, 10:04 AM

नई दिल्ली:

भारत में कई तरह के त्यौहार मनाए जाते हैं, ऐसे में भाई-बहन का खास त्यौहार भाई दूज कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है. इस बार यह पर्व 9 नवंबर, शुक्रवार को है. रक्षाबंधन की ही तरह यह पर्व भाई-बहन के पवित्र प्रेम का प्रतीक है. हिंदू धर्म के अनुसार ऐसी धार्मिक आस्था है कि इस दिन बहन के घर भोजन करने से भाई की उम्र बढ़ती है. इस दिन यमराज बहनों की ओर से मांगी गई मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं…

भाई दूज पर पूजा और तिलक करने का यह है शुभ मुहूर्त
सुबह पूजा का मुहूर्त: 9:20 से 10:35 बजे तक
दोपहर में पूजा का मुहूर्त: 1:20 से 3:15 बजे तक
संध्या काल में पूजा मुहूर्त: 4:25 से 5:35 बजे तक
शाम के समय पूजा मुहूर्त: 7:20 से रात 8:40 बजे तक

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विधि
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, यम और यमुना सूर्यदेव की संतान हैं. यमुना समस्त कष्टों का निवारण करनेवाली देवी स्वरूपा हैं. उनके भाई मृत्यु के देवता यमराज हैं. यम द्वितीया के दिन यमुना नदी में स्नान करने और वहीं यमुना और यमराज की पूजा करने का बहुत महत्व है. इस दिन बहन अपने भाई को तिलक लगाकर उसकी लंबी उम्र के लिए हाथ जोड़कर यमराज से प्रार्थना करती है. स्कंद पुराण में लिखा है कि इस दिन यमराज पूजन करनेवालों को मनोवांछित फल मिलता है. धन-धान्य, यश एवं दीर्घायु की प्राप्ति होती है.

अगर यमुना में न कर सकें स्नान तो ऐसे मनाएं त्योहार

  • भाईदूज के दिन भाई और बहन दोनों को मिलकर सुबह के समय यम, चित्रगुप्त, यम के दूतों की पूजा करनी चाहिए. इसके बाद सूर्यदेव के साथ ही इन सभी को भी अर्घ्य देना चाहिए.
  • यम की पूजा करते हुए बहन प्रार्थना करें कि हे यमराज, श्री मार्कण्डेय, हनुमान, राजा बलि, परशुराम, व्यास, विभीषण, कृपाचार्य तथा अश्वत्थामा इन आठ चिरंजीवियों की तरह मेरे भाई को भी चिरंजीवी होने का वरदान दें.

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  • प्रार्थना के बाद बहन अपने भाई का टीका करें, अक्षत लगाएं और भाई को भोजन कराएं.
  • भोजन के पश्चात भाई यथाशक्ति बहन को उपहार या दक्षिणा दें.