New Update
/newsnation/media/post_attachments/images/2022/04/14/article-4-58.jpg)
बैसाखी पर सूर्य की बदलती चाल और नक्षत्र का प्रभाव है इस बात का संकेत ( Photo Credit : Social Media)
0
By clicking the button, I accept the Terms of Use of the service and its Privacy Policy, as well as consent to the processing of personal data.
Don’t have an account? Signup
बैसाखी पर सूर्य की बदलती चाल और नक्षत्र का प्रभाव है इस बात का संकेत ( Photo Credit : Social Media)
Mesh Sankranti Effect On Baisakhi 2022: बैसाखी का त्योहार हर्षोल्लास लेकर आता है. इस दिन फसल के घर आने की खुशी मनाई जाती है. अनाज की पूजा की जाती है. भगवान और प्रकृति को धन्यवाद दिया जाता है. बैसाखी पर्व मुख्य रूप से पंजाब में मनाया जाता है लेकिन देश के कई और राज्यों में भी यह पर्व मनाया जाता है. हालांकि इन राज्यों में इस पर्व के नाम अलग-अलग हैं. उदाहरण के लिए असम में बीहू, बंगाल में नबा वर्षा, केरल में पूरम विशू मनाया जाता है. जिस दिन सूर्य राशि बदलकर मेष में प्रवेश करते हैं, उसी दिन बैसाखी पर्व मनाया जाता है. ऐसे में ज्योतिष के अनुसार, सूर्य की बदलती चाल न सिर्फ खुशहाली लाएगी बल्कि आज के दिन के ख़ास नक्षत्र के तीव्र प्रभाव से कई शुभ संकेत भी मिलेंगे.
यह भी पढ़ें: Vastu Tips For Locker: इस दिशा में रखेंगे घर में तिजोरी, धन के देवता कुबेर की कृपा बरसती रहेगी
सूर्य गोचर के दिन मनाते हैं बैसाखी
बैसाखी पर्व का संबंध सूर्य की चाल से है. जिस दिन सूर्य मेष राशि में प्रवेश करते हैं, उसी दिन यह पर्व मनाया जाता है. आमतौर पर सूर्य हर साल 13 या 14 अप्रैल को मेष राशि में गोचर करते हैं. इस साल मेष संक्रांति आज यानी कि 14 अप्रैल को हो रही है. इसके अलावा इस पर्व का संबंध सिख धर्म से भी है. मान्यता है कि इसी दिन सिख पंथ के 10वें गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी. तभी से बैसाखी का त्योहार मनाया जा रहा है. इसके अलावा इसी महीने रबी की फसल भी पक कर तैयार हो जाती है और उसकी कटाई शुरू होती है.
विशाखा नक्षत्र का प्रभाव
बैसाखी के समय आसमान में विशाखा नक्षत्र होता है. जब विशाखा नक्षत्र पूर्णिमा में पड़े तो उस महीने को वैशाख कहते हैं. इस महीने की शुरुआत बैसाखी से ही होती है. इसके अलावा इस दिन से धूप भी बहुत तेज होने लगती है.