Baba Bokh Naag Devta: पिछले करीब 17 दिनों से उत्तरकाशी की सिल्क्यारा सुरंग में 41 मजदूर फंसे हुए हैं. इन मजदूरों को फिलहाल सुरक्षित बाहर निकालने के लिए बचाव दल हरसंभव प्रयास कर रहे हैं. सबसे खुशी की बात यह है कि उनकी कोशिशें सफल हो रही हैं. इस बीच उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने ट्वीट करते हुए कहा कि बाबा बौख नाग जी की असीम कृपा और करोड़ों देशवासियों की प्रार्थना एंव बचाव दलों के अथक परिश्रम से सुरंग में फंसे मजूदरों को सही सलामत बाहर निकालने के लिए टनल में पाइप डालने का काम पूरा हो चुका है और जल्द ही सभी मजदूरों को बाहर निकाल लिया जाएगा. ऐसे अब लोगों के मन में यह सवाल आ रहा है कि आखिर कौन हैं बाबा बौख नाग जी और क्यों हो रही है इनकी चर्चा. आइए यहां हम आपको विस्तार से बताते हैं.
कौन हैं बाबा बौख नाग देवता?
उत्तरकाशी के राड़ी टॉप इलाके में स्थित बाबा बौखनाग देवता का मंदिर इन दिनों काफी सुर्खियां बटोर रहा है. दरअसल, बाबा बौखनाग को पहाड़ों का रक्षक माना जाता है. वहां लोग बाबा को ईष्ट देवता भी मानते हैं. स्थानीय लोगों का मानना है कि बाबा बौखनाग की उत्पत्ति नाग के रूप में हुई है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस मंदिर में पूजा करने से जातक की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. यह भी कहा जाता है संतान सुख की चाह रखने वाले लोगों को इस मंदिर में जरूर दर्शन करने जाना चाहिए. ऐसा करने से उनकी यह इच्छा पूरी हो जाती है. यहां हर साल मेला का भी आयोजन किया जाता है और दूर-दूर से श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं. जब से उत्तरकाशी में इतना बड़ा हादसा हुआ है तब से ही यहां लगातार पूजा की जा रही है.
स्थानीय लोगों का दावा
उत्तरकाशी के लोगों का मानना है कि बाबा बौखनाग की नाराजगी की वजह से यह हादसा हुआ है. उनका कहना है कि सुरंग बनाने से पहले टनल में बाबा बौखनाग के मंदिर की स्थापना करनी चाहिए थी. अगर ऐसा होता तो यह हादसा नहीं होती. वहीं कुछ लोगों का यह भी मानना है कि टनल बनाने के लिए मंदिर को तोड़ दिया गया था. ऐसे में बाबा बौखनाग के प्रकोप की वजह इतना बड़ा हादसा हो गया.
पूजा-अर्चना के बाद ही रेस्क्यू होगा पूरा - स्थानीय लोग
वहीं स्थानीय लोग इस मंदिर का पक्का निर्माण करवाने की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि मंदिर का पहले निर्माण करवाया जाए और फिर इसकी विधि-विधान के साथ पूजा अर्चना किया जाए इसके बाद रेस्क्यू हो पाएगा. क्योंकि उनका मानना है कि जब तक बाबा का आशीर्वाद नहीं मिलेगा तब तक रेस्क्यू में बाधाएं आती रहेंगी.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)
Source : News Nation Bureau