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Astrological Remedies: शादी के बाद संतान सुख के लिए क्या हैं ज्योतिषीय उपाय, जानें सबकुछ

Astrological Remedies: हिंदू धर्म शास्त्रों में दिए मंत्रो, पूजा और उपाय में इतनी शक्ति है कि वो आपकी हर मुश्किल दूर कर सकते हैं. अगर आपकी शादी को बहुत साल हो चुके हैं. आप सब इलाज करवाकर देख चुके हैं

Updated on: 19 Jan 2024, 06:06 PM

नई दिल्ली:

Astrological Remedies To Conceive A Child: शादी के बाद हर पति-पत्नी के लिए सबसे बड़ी खुशी होती है उनके बच्चे का आना. लेकिन कई कारणों से शादी के लंबे अरसे बाद भी कुछ महिलाएं गर्भ धारण नहीं कर पाती. अगर आपकी प्रेग्नेंसी में किसी तरह की बाधा आ रही है तो सबसे पहले आपको उसका मेडिकल इलाज लेना चाहिए लेकिन उसके साथ आप ज्योतिषीय उपाय भी कर सकती हैं. कहते हैं विश्वास पर दुनिया कायम हैं. हिंदू धर्म शास्त्रों में दिए मंत्रो, पूजा और उपाय में इतनी शक्ति है कि वो आपकी हर मुश्किल दूर कर सकते हैं. अगर आपकी शादी को बहुत साल हो चुके हैं. आप सब इलाज करवाकर देख चुके हैं तो आपको ज्योतिष का सहारा भी लेना चाहिए. ज्योतिष शास्त्र में, संतान सुख के लिए कई उपाय और टोटके बताए गए हैं जो आपको आपके परिवार का सुख-शांति महसूस करवा सकते हैं. संतान सुख दिलाने वाले ज्योतिषीय उपाय क्या हैं आइए जानते हैं. 

1. संतान लाभ के लिए मन्त्र: "ॐ देवकी सुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते। देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गतः।।" इस मन्त्र का नियमित जाप करने से संतान सुख में सुधार हो सकता है. 

2. गर्भधारण के लिए व्रत: अपनी ईश्वरीय आस्था के अनुसार संतान सुख के लिए विशेष धार्मिक व्रत रखें, जैसे कि संतान गोपाल व्रत या संतान लक्ष्मी व्रत. 

3. पितृदोष शांति: ज्योतिष में कहा जाता है कि पितृदोष भी संतान सुख में बाधा डाल सकता है. पितृदोष शांति के लिए पुण्यकारी कार्यों का नियमित रूप से अभ्यास करें. 

4. ग्रह शांति पूजा: ज्योतिषीय दृष्टि से, कुछ ग्रहों के दोष भी संतान सुख को प्रभावित कर सकते हैं. ज्योतिषी से साझा करके उचित ग्रह शांति पूजा कराएं. 

5. संतान सुख के लिए रत्न: अपने ज्योतिषी से सलाह लेकर उचित रत्न का धारण करें, जो संतान सुख में सहायक हो सकता है.

6. पति-पत्नी के बीच सख्ती: संतान सुख के लिए, पति-पत्नी के बीच सख्ती बनाए रखना महत्वपूर्ण है. एक-दूसरे के साथ प्यार और समर्थन में बनी रहना योग्य और स्वस्थ गर्भाधान के लिए हेतु अत्यंत आवश्यक है.

7. पंचांग शुद्धि: विशेषत: गर्भाधान के लिए उपयुक्त मुहूर्त का चयन करने के लिए पंचांग की शुद्धि बनी रहना चाहिए.

ध्यान रखें कि ये ज्योतिषीय उपाय केवल सामान्य सुझाव हैं और इनका पूर्ण परिणाम निर्भर करता है. इसलिए, संतान सुख की प्राप्ति के लिए उचित सलाह लेना अत्यंत महत्वपूर्ण है.