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Guruwar Vrat Niyam: कब और कैसे शुरू करना चाहिए गुरुवार का व्रत? जान लें गुरुवार व्रत के सही नियम

Guruwar Vrat Niyam: यदि आप गुरुवार का व्रत शुरू करना चाहते हैं तो आपको उसे शुरू करने का शुभ समय, पूजा विधि, फलाहार, उद्यापन आदि करने का सही नियम के बारे में जरूर जानना चाहिए.

Updated on: 14 Dec 2023, 11:17 AM

नई दिल्ली:

Guruwar Vrat Niyam:  हिंदू धर्म में गुरुवार का दिन भगवान विष्णु और बृहस्पति देव को समर्पित होता है. ऐसा कहा जाता है कि इस दिन विधि-विधान से इनकी पूजा करने से घर धन-संपदा और सुख-समृद्धि से भरा रहता है.वहीं कुछ लोग गुरुवार का व्रत भी रखते हैं. मान्यता है कि गुरुवार का व्रत करने से गुरु ग्रह मजबूत होता है.इसके साथ ही जातक का वैवाहिक जीवन भी खुशियों से भरा रहता है. इतना ही नहीं गुरुवार का व्रत करने से विवाह से जुड़ी परेशानियां भी दूर हो जाती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि गुरुवार का व्रत कब से शुरू करना चाहिए? अगर नहीं, तो आइए जानते हैं गुरुवार का व्रत करने का सही नियम क्या है. साथ ही जानिए कितने गुरुवार का व्रत रखना चाहिए. 

गुरुवार का व्रत कब से शुरू करना चाहिए?

ज्योतिष के अनुसार किसी भी माह के शुक्ल पक्ष से पहले गुरुवार व्रत की शुरुआत करना शुभ माना जाता है. या फिर आप चाहें तो पौष महीने को छोड़कर किसी भी महीने के गुरुवार से व्रत की शुरुआत कर सकते हैं. 

कितने गुरुवार तक का व्रत रखना चाहिए?

ज्योतिष के अनुसार, लगातार 16 गुरुवार तक का व्रत रखना चाहिए. लगातार 16 गुरुवार तक का व्रत रखने से भगवान विष्णु और बृहस्पति देव दोनों की ही कृपा मिलती है. उसके बाद 17वें दिन गुरुवार व्रत का उद्यापन करना चाहिए. वहीं मासिक धर्म में महिलाओं को अगले गुरुवार का व्रत रखना चाहिए. ज्योतिष के अनुसार, गुरुवार का व्रत  1, 3, 5, 7, 9, 11 साल या फिर पूरे साल तक रख सकते हैं. 

गुरुवार व्रत की सही पूजा विधि क्या है?

गुरुवार के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर लें उसके बाद पीले वस्त्र धारण कर लें. अब पूजा की चौकी पर भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करें और उनके समक्ष घी का दीपक जलाएं. फिर 16 गुरुवार व्रत का संकल्प लें. अब कलश में पानी और हल्दी डालें और पूजा स्थल पर रख दें. भगवान विष्णु को पीली चीजें जैसे पीले रंग के फूल, वस्त्र, फल, पीले चावल,आदि अर्पित करें और भगवान विष्णु को गुड़ और चने की दाल का भोग लगाएं. भोग लगाने के बाद गुरुवार व्रत की कथा का पाठ करें और फिर आखिरी में भगवान विष्णु की आरती करें. इसके साथ ही बीज मंत्र ‘ॐ बृं बृहस्पतये नम:’ का जाप करें.

केले के पेड़ की भी करें पूजा

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गुरुवार के दिन केले के पेड़ की पूजा जरूर करना चाहिए. माना जाता है कि केले के पेड़ में भगवान विष्णु का वास होता है. इसके साथ ही गुरुवार के दिन केले के पेड़ में जल भी अर्पित करना चाहिए. मान्यता है कि इस दिन पीली चीजें का दान जरूर करना चाहिए. ऐसा करने से भगवान विष्णु आशीर्वाद मिलता है. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।) 

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