Guru Pradosh Vrat 2023: आज है गुरु प्रदोष व्रत, जानें दुश्मनों पर विजय दिलाने के लिए कैसे करें पूजा 

Guru Pradosh Vrat 2023: गुरु प्रदोष व्रत का हिंदू धर्म में बहुत महत्त्व है. इस दिन शिव भगवान की पूजा करने से दुश्मनों पर वियज प्राप्त की जा सकती है. पूजा का मुहूर्त क्या है और आपको कैसे पूजा करनी है आइए जानते हैं.

Guru Pradosh Vrat 2023: गुरु प्रदोष व्रत का हिंदू धर्म में बहुत महत्त्व है. इस दिन शिव भगवान की पूजा करने से दुश्मनों पर वियज प्राप्त की जा सकती है. पूजा का मुहूर्त क्या है और आपको कैसे पूजा करनी है आइए जानते हैं.

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Inna Khosla
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Guru Pradosh Vrat 2023( Photo Credit : news nation)

October Pradosh Vrat 2023 Muhurat: हर महीने दो प्रदोष व्रत आते हैं. आज अक्टूबर का आखिरी प्रदोष व्रत है. गुरुवार के दिन आने वाले प्रदोष व्रत को गुरु प्रदोष व्रत कहा जाता है. मान्यता है इस दिन अगर प्रदोष व्रत हो तो पूजा करने से दुश्मनों पर विजय प्राप्त होती है. आश्विन मा​ह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन आपको कैसे पूजा करनी है कब पूजा करनी है और इस व्रत के दिन कौन से शुभ योग बन रहे हैं ये सब हम आपको बता रहे हैं. भगवान शिव की पूजा इस दिन करने से कैसे आपके जीवन के सभी दुश्मन आपसे दूर हो जाएंगे ये भी बता रहे हैं. दुश्मन सिर्फ व्यक्ति विशेष ही नहीं होता, हमारे जीवन में किसी भी चीज़ जैसे पैसों की तंगी, बुरे हालात, कोई दुख जो भी हमें तकलीफ दे उसे दुश्मन ही कहा जाता है. तो आइए जानते हैं गुरु प्रदोष व्रत की तिथि कब प्रारंभ होगी और कैसे आपको पूजा करनी है. 

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अक्टूबर 2023 गुरु प्रदोष व्रत तिथि और समय

हिंदू वैदिक पंचांग के अनुसार, 26 अक्टूबर दिन गुरुवार को सुबह 09 बजकर 44 मिनट से आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि शुरू होगी जो 27 अक्टूबर शुक्रवार के दिन सुबह 06 बजकर 56 मिनट तक रहेगी. प्रदोष पूजा मुहूर्त 26 अक्टूबर को ही है 

गुरु प्रदोष व्रक पूजा मुहूर्त

गुरु प्रदोष व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त 26 अक्टूबर 2023 को शाम 05 बजकर 41 मिनट से लेकर रात 08 बजकर 15 मिनट तक है.

गुरु प्रदोष व्रत के शुभ योग

योग: अश्विन गुरु प्रदोष व्रत 2023 के दिन ध्रुव और व्याघात योग बनेगा. ध्रुव योग सूर्योदय से लेकर सुबह 08:50 बजे तक रहेगा. उसके बाद से व्याघात योग प्रारंभ होगा, जो रात तक रहेगा. 

नक्षत्र: व्रत वाले दिन पूर्व भाद्रपद नक्षत्र सुबह 11 बजकर 27 मिनट तक है. फिर उत्तर भाद्रपद नक्षत्र शुरू होगा.

दुश्मनों पर विजय दिलाता है गुरु प्रदोष व्रत

ये तो आप जानते ही हैं कि जिस दिन प्रदोष व्रत आता है उस दिन का प्रभाव व्रत के फल पर पड़ता है. गुरुवार के दिन आने वाले प्रदोष को गुरु प्रदोष व्रत कहते हैं. इस दिन पूजा करने से दुश्मनों पर विजय प्राप्त होती है. शिव भक्त इस दिन उनकी पूजा करते हैं जिससे जो भी उनके विरोधी या विरोधि परिस्थिति होती है भगवान की कृपा से वो दूर हो जाती है. जीवन में सुख शांति आती है. बस ध्यान रखें कि प्रदोष व्रत पर शिव पूजा शाम के समय में ही होती है. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)

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