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Ashunya Shayan Vrat 2022 Katha aur Upay: अशून्य शयन व्रत के कथा श्रवण से दूर होगी वैवाहिक जीवन की हर बाधा, इन उपायों से रिलेशनशिप में आ जाएगी मधुरता

Ashunya Shayan Vrat 2022 Katha aur Upay: चातुर्मास के चार महीनों श्रावण, भाद्रपद, आश्विन और कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की द्वितिया को अशून्य शयन व्रत रखा जाता है. पुरूष अपने जीवनसाथी की लंबी उम्र के लिये यह व्रत करते हैं.

Updated on: 09 Oct 2022, 12:39 PM

नई दिल्ली :

Ashunya Shayan Vrat 2022 Katha aur Upay: चातुर्मास के चार महीनों श्रावण, भाद्रपद, आश्विन और कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की द्वितिया को अशून्य शयन व्रत रखा जाता है. जिस प्रकार, स्त्रियां अपने जीवन साथी की लंबी उम्र के लिये करवाचौथ का व्रत करती हैं, ठीक उसी तरह पुरूष अपने जीवनसाथी की लंबी उम्र के लिये यह व्रत करते हैं. अशून्य शयन द्वितिया का यह व्रत पति-पत्नी के रिश्तों को बेहतर बनाने के लिये रखा जाता है. इस व्रत में लक्ष्मी तथा श्री हरि, यानी विष्णु जी का पूजन करने का विधान है. कहते हैं जो भी इस व्रत को करता है, उसके दाम्पत्य जीवन में कभी दूरी नहीं आती और घर-परिवार में सुख-शांति तथा सौहार्द्र बना रहता है. ऐसे में चलिए जानते हैं अशून्य शयन व्रत की कथा और उपायों के बारे में. 

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अशून्य शयन द्वितीया व्रत 2022 कथा (Ashunya Shayan Vrat 2022 Katha) 
एक समय राजा रुक्मांगद ने जन रक्षार्थ वन में भ्रमण करते-करते महर्षि वामदेवजी के आश्रम पर पहुंच महर्षि के चरणों में साष्टांग दंडवत् प्रणाम किया. वामदेव जी ने राजा का विधिवत सत्कार कर कुशलक्षेम पूछी. तब राजा रुक्मांगद ने कहा- 'भगवन ! मेरे मन में बहुत दिनों से एक संशय है. 

मुझे किस सत्कर्म के फल से त्रिभुवन सुंदर पत्नी प्राप्त हुई है, जो सदा मुझे अपनी दृष्टि से कामदेव से भी अधिक सुंदर देखती है. परम सुंदरी देवी संध्यावली जहां-जहां पैर रखती हैं, वहां-वहां पृथ्वी छिपी हुई निधि प्रकाशित कर देती है. वह सदा शरद्काल के चंद्रमा की प्रभा के समान सुशोभित होती है.

विप्रवर! बिना आग के भी वह षड्रस भोजन तैयार कर लेती है और यदि थोड़ी भी रसोई बनाती है, तो उसमें करोड़ों मनुष्य भोजन कर लेते हैं. वह पतिव्रता, दानशीला तथा सभी प्राणियों को सुख देने वाली है. उसके गर्भ से जो पुत्र उत्पन्न हुआ है, वह सदा मेरी आज्ञा के पालन में तत्पर रहता है. 

द्विजश्रेष्ठ ! ऐसा लगता है, इस भूतल पर केवल मैं ही पुत्रवान हूं, जिसका पुत्र पिता का भक्त है और गुणों के संग्रह में पिता से भी बढ़ गया है. किस प्रकार मैं इन सुखों को भोगता रहूँ और मेरी पत्नी और परिवार मेरे से अलग न हो.

तब ऋषि वामदेव ने कहा: तुम विष्णु और लक्ष्मी का ध्यान करते हुए, श्रावण मास से शुरू करके भाद्रपद, आश्विन और कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की द्वितीया को भी यह व्रत करो. जन्मों-जन्मों तक तुम्हें अपनी पत्नी का साथ मिलता रहेगा, सभी भोग-ऐश्वर्य पर्याप्त मात्रा में मिलते रहेंगे. 

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अशून्य शयन द्वितीया व्रत 2022 उपाय (Ashunya Shayan Vrat 2022 Upay) 
- एक सिंदूर की डिब्बी में पांच गोमती चक्र रख कर उन्हें घर के मन्दिर में या पत्नी के श्रृंगार के सामान के साथ रख दें, पति-पत्नी के बीच में प्यार बढ़ाने के लिये यह कारगर उपाय है. इसके साथ ही एक भोजपत्र या सादे सफेद कोरे कागज पर लाल कलम से 'हं हनुमंते नमरु' लिखकर मंत्र का जाप करते हुए घर के किसी कोने में रख दें.

- अगर आपका अपनी पत्नी से कुछ मन-मुटाव चल रहा है, तो आज रात को सोते समय अपनी पत्नी के तकिए के नीचे कपूर रख दें और अगले दिन उस कपूर को जला दें. अगर यही स्थिति पति के साथ हो तो पत्नी अपने पति के तकिये के नीचे सिंदूर की पुड़िया रख दें और सुबह अपने पति से कहें कि वह आपकी मांग में इस सिन्दूर को भरे. इससे आपके रिश्ते में मजबूती आयेगी.

- दोनों के बीच मन-मुटाव दूर करके प्यार को बढ़ाने के लिये रात को सोते समय एक पात्र में पानी भरकर अपने बिस्तर के नीचे रखें. दूसरे दिन सुबह उस जल को घर के बाहर छिड़क दें. इसके साथ ही प्रतिदिन दो तुलसी की पत्ती को पूजा के समय मन्दिर में रखें और गायत्री मंत्र का 11 बार जाप करके एक पत्ता खुद खाएं और एक अपनी पत्नी को खिला दें, तो यह आपके रिश्ते के लिये और भी अच्छा होगा.

- अपनी पत्नी को अपनी और आकर्षित करने के लिये शाबर मन्त्र 'ऊँ क्षों ह्रीं ह्रीं आं ह्रां स्वाहा' को आज से शुरू करके सात दिन तक लगातार लाल वस्त्र पहन कर तथा कुमकुम की माला धारण कर एक सौ एक बार जपे. इस मंत्र के जाप से आपकी पत्नी का प्यार आपके लिये कहीं अधिक बढ़ जायेगा. अगर आप इस मंत्र का जाप करने में कठिनाई महसूस करते हैं, तो आप केवल 'ओम् ह्रीं नमः' मंत्र का जाप भी कर सकते हैं. आज भगवान लक्ष्मीनारायण के चित्र या मूर्ति पर अपने हाथों से पीपल के पत्तों की माला धागे में पिरोकर अर्पित करें.

- माता लक्ष्मी को आज के दिन सौंदर्य प्रसाधन, यानी श्रृंगार का सामान चढ़ाएं. आज सिक्के पर, चाहें एक रूपये का सिक्का हो, दो का हो या पांच का, उस पर अच्छी खुशबू वाला इत्र लगाकर विष्णु और लक्ष्मी जी के मंदिर में चढ़ाएं, आपकी मनोकामना जल्द ही पूरी होगी. आज पति-पत्नी मिलकर पक्षियों को बाजरे का दाना जरूर खिलाएं.

- रात्रि के पहले पहर में मौन व्रत रहने से नौकरी में पदोन्नति मिलेगी. मौन व्रत चाहें आप किसी भी समय रहें लेकिन 20 मिनट तक जरूर रहें. अगर आप लगातार 20 मिनट तक न रह सके तो दिन में 5-5 मिनट करके चार बार या 10-10 मिनट करके 2 बार मौन व्रत रह सकते हैं. इससे आपका समय और मकसद दोनों पूरा हो जायेगा.