/newsnation/media/post_attachments/images/2023/06/12/shivjii-45.jpg)
Ashadha Pradosh Vrat 2023 ( Photo Credit : social media )
Ashadha Pradosh Vrat 2023 : दिनांक 15 जून दिन गुरुवार को आषाढ़ माह का पहला प्रदोष व्रत है. ये हर साल कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है. इस बार गुरुवार के दिन प्रदोष व्रत है, तो इसलिए इसे गुरु प्रदोष व्रत कहा जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन जो व्यक्ति व्रत रखता है, वह निरोगी हो जाता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, ऐसा कहा जाता है कि एक बार चंद्रमा को क्षय रोग हो गया था, जिसके चलते चंद्रमा को मृत्युतुल्य कष्ट हो रहा था. इसके बाद भगवान शिव ने उस दोष का निवारण करने के लिए उन्हें त्रयोदशी तिथि के दिन पुन:जीवन प्रदान किया था. इसलिए इस दोन को प्रदोष कहा जाने लगा. अब ऐसे में प्रदोष व्रत के दिन त्रयोदशी और चतुर्दशी का संयोग बना है. प्रदोष व्रत में भगवान भोलेनाथ की खास पूजा की जाती है, जिससे व्यक्ति का स्वास्थ्य ठीक हो जाता ह और व्यक्ति को ग्रह दोष से भी मुक्ति मिल जाती है. इस दिन भगवान शिव का दूध, दही, शक्कर, घी पंचामृत से अभिषेक करना चाहिए.
ये भी पढ़ें - Surya Dev Gochar 2023 : 15 जून को सूर्य करने जा रहे हैं मिथुन राशि में गोचर, 4 राशि वाले होंगे धनवान
इस दिन न करें ये काम
इस बाद प्रदोष व्रत दिनांक 15 जून दिन गुरुवार को है. इस दिन का काफी खास महत्व है. इस व्रत के दौरान लहसून, प्याज और तामसिक भोजन करने से बचना चाहिए. इस दिन किसी को अपशब्द बोलने से बचें. इस बात का खास ध्यान रखें कि भगवान शिव को सिंदूर, तुलसी, हल्दी और नारियल पानी नहीं चढ़ाना चाहिए.
जानें शुभ मुहूर्त
आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि यानी कि दिनांक 15 जून दिन गुरुवार को सुबह 8:32 मिनट से लेकर इसका समापन दिनांक 16 जून दिन शुक्रवार को सुबह 8:39 मिनट पर हो रहा है.
ये भी पढ़ें - BajrangBali Puja 2023 : महिलाएं भी कर सकती हैं हनुमान जी की पूजा, बस इन बातों को न करें नजरअंदाज
इस दिन करें इस मंत्र का जाप
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् । उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्।।