Ashadh Month Skand Shashthi Vrat 2022 Mahatva: स्कन्द षष्ठी का व्रत प्रदान कर सकता है आपकी संतान को निरोगी काया, जानें इस व्रत के चमत्कारिक महत्व के बारे में
Ashadh Month Skand Shashthi Vrat 2022 Mahatva: मान्यता है कि भगवान कार्तिकेय की विधि विधान से पूजा करने पर व्यक्ति को सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है. हिंदू पंचांग के अनुसार हर महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को स्कंद षष्टि व्रत रखा जाता है.
नई दिल्ली :
Ashadh Month Skand Shashthi Vrat 2022 Mahatva: हर महीने शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को स्कंद षष्टि व्रत रखा जाता है. जुलाई के महीने में स्कंद षष्टि का व्रत 5 जुलाई यानी मंगलवार के दिन रखा जाएगा. संकट पष्टि व्रत भगवान भोलेनाथ व माता पार्वती के पुत्र भगवान कार्तिकेय को समर्पित होता है. भगवान कार्तिकेय का एक नाम स्कंद कुमार भी है. स्कंद षष्टि व्रत के दिन भगवान कार्तिकेय की पूजा की जाती है. मान्यता है कि भगवान कार्तिकेय की विधि विधान से पूजा करने पर व्यक्ति को सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है. हिंदू पंचांग के अनुसार हर महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को स्कंद षष्टि व्रत रखा जाता है. यह व्रत संतान पष्टि के नाम से भी जाना जाता है. आइए जानते हैं इस व्रत के विस्तारित महत्व के बारे में.
स्कन्द षष्ठी का महत्व
इस व्रत को करने से संतान को सुख और आरोग्य प्राप्त होता है. स्कन्द षष्ठी व्रत की कथा के अनुसार, च्यवन ऋषि के आंखों की रोशनी चली गई थी, तो उन्होंने यह व्रत रखा था और स्कंद कुमार की पूजा की थी. व्रत के पुण्य प्रभाव से उनके आंखों की रोशनी वापस आ गई. दूसरी कथा में बताया गया है कि प्रियव्रत का मृत बच्चा दोबारा जीवत हो उठा था. हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि स्कंद षष्ठी का व्रत करने वाले को लोभ, मोह, क्रोध और अहंकार से मुक्ति मिल जाती है. धन, यश और वैभव में वृद्धि होती है. व्यक्ति सभी शारीरिक कष्टों और रोगों से छुटकारा पाता है.
स्कन्द षष्ठी 2022 मुहूर्त
इस माह के स्कन्द षष्ठी व्रत के दिन सिद्धि योग और रवि योग बना रहा है. सिद्धि योग प्रात:काल से लेकर दोपहर 12 बजकर 22 मिनट तक है, वहीं रवि योग प्रात: 08 बजकर 44 मिनट से अगले दिन 05 जुलाई को प्रात: 05 बजकर 28 मिनट तक है. रवि योग और सिद्धि योग मांगलिक कार्यों के लिए अच्छे होते हैं. सिद्धि योग कार्यों में सफलता की संभावनाओं को बढ़ाने वाला है. इस दिन का राहुकाल सुबह 07 बजकर 12 मिनट से सुबह 08 बजकर 57 मिनट तक है. राहुकाल में मांगलिक कार्य न करें.
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