Ashadh Amavasya 2022 Vrat Niyam: आषाढ़ अमावस्या पर पितरों के लिए रखे गए व्रत में की गई गलतियां कर सकती हैं आपका सर्वनाश, एक बार जरूर जान लें ये महत्वपूर्ण नियम

Ashadh Amavasya 2022 Vrat Niyam: हिंदू धर्म में आषाढ़ मास की अमावस्या के दिन पितरों के लिए व्रत करने का विधान है. लेकिन माना जाता है कि पितरों के लिए रखे गए व्रत में हल्की सी भी चूक आपको उनके कोप का भागी बना सकती है और आपके जीवन में तबाही ला सकती है.

author-image
Gaveshna Sharma
एडिट
New Update
Ashadh Amavasya 2022 Vrat Niyam

आषाढ़ अमावस्या पर पितरों के लिए रखे गए व्रत में इन नियमों का रखें ध्यान( Photo Credit : News Nation)

Ashadh Amavasya 2022 Vrat Niyam: हिंदू धर्म में आषाढ़ मास की अमावस्या बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है. इस दिन किसी पवित्र नदी, सरोवर में स्नान और पितरों के निमित्त दान व तर्पण करने का विधान रहता है. इससे आपके ऊपर पितरों का आशीर्वाद बना रहता है. अमावस्या तिथि पितृदोष और कालसर्प दोष को दूर करने के लिए काफी शुभ मानी जाती है. ऐसे में इस मास की अमावस्या पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए बेहद खास है. इसके अलावा इस दिन पितरों के लिए व्रत करने का भी विधान है. लेकिन माना जाता है कि पितरों के लिए रखे गए व्रत में हल्की सी भी चूक आपको उनके कोप का भागी बना सकती है और आपके जीवन में तबाही ला सकती है. ऐसे में चलिए जानते हैं आषाढ़ अमावस्या के दिन पितरों के लिए रखे जाने वाले व्रत नियम के बारे में. 

Advertisment

यह भी पढ़ें: Ashadh Amavasya 2022 Pitra Tarpan: पितृ तर्पण के लिए बेहद खास है आषाढ़ अमावस्या की तिथि, मिलती है पितृ दोष से मुक्ति

आषाढ़ आमवस्या व्रत नियम
- आषाढ़ आमवस्या को सूर्योदय से पूर्व स्नान करके सूर्य देव को जल अर्पित करें.
- इसके बाद गायत्री मंत्र का जाप करें, इससे मानसिक शांत प्राप्त होगी.
- आषाढ़ आमवस्या के दिन पेड़-पौधे को लगाने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है, इससे ग्रह दोष भी दूर हो जाता है.
- अमावस्या तिथि को पितरों के लिए तर्पण, पिंडदान, श्राद्ध करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है.
- आषाढ़ आमवस्या को शिव मंदिर में पूजा करें, इससे कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है. 
- आषाढ़ आमवस्या को दान देने से पितर प्रसन्न होते हैं, वंश को सुखी जीवन का आशीर्वाद देते हैं.

यह भी पढ़ें: Ashadh Amavasya 2022 Mahatva: आषाढ़ अमावस्या का सिर्फ पितरों से नहीं है नाता, दोहरे महत्व और रहस्य को समेटे हुए है ये काली रात

आषाढ़ अमावस्या की पूजा का महत्व
अमावस्या तिथि पर कई लोग अपने पितरों को प्रसन्न करने के लिए श्राद्ध कर्म करते हैं. इस दिन पितृ तर्पण, नदी स्नान और दान-पुण्य आदि करना ज्यादा फलदायी माना जाता है. इतना ही नहीं यह तिथि पितृ दोष से मुक्ति दिलाने में सहायक मानी गई है. अत: पितृ कर्म के लिए यह तिथि बेहद शुभ मानी जाती है.

उप-चुनाव-2022 ashadh amavasya 2022 pitr tarpan vidhi ashadh amavasya 2022 pitr tarpan ashadh amavasya 2022 vrat laabh ashadh amavasya 2022 vrat niyam ashadh amavasya 2022 tithi ashadh amavasya 2022
      
Advertisment