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Anantapadmanabha Lake Temple: केरल का अनंतपद्मनाभ झील मंदिर चमत्कारी, सिर्फ दर्शन से बदल जाती है किस्मत

Anantapadmanabha Lake Temple: अनंतपद्मनाभ झील मंदिर, केरल के अनंतपुरा में स्थित, एक सुंदर और पवित्र स्थान है. यह मंदिर अपनी अनूठी वास्तुकला, धार्मिक महत्व, और ऐतिहासिक मूल्य के लिए जाना जाता है. आइए जानें क्या इस मंदिर का धार्मिक महत्व

Updated on: 07 Mar 2024, 04:48 PM

नई दिल्ली:

Anantapadmanabha Lake Temple: अनंतपद्मनाभ झील मंदिर (Anantapadmanabha Lake Temple) केरल के अनंतपुरा गांव में स्थित है. यह मंदिर भारत के अन्तर्वार्ती क्षेत्र में स्थित है और इसका संबंध श्री पद्मनाभ स्वामी से है, जो भगवान विष्णु का एक रूप में माना जाता है. अनंतपद्मनाभ झील मंदिर एक ऐतिहासिक मंदिर है जो एक झील के बीच में स्थित है. यह मंदिर केरल के सबसे प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है और यहाँ लाखों भक्त वार्षिक रूप से आते हैं अनंतपद्मनाभ स्वामी की पूजा और अर्चना करने के लिए. इस मंदिर का निर्माण दक्षिण भारतीय आर्किटेक्चर शैली में किया गया है और इसके विभिन्न भागों में विशाल गोपुरम और अद्भुत कार्विंग्स हैं. इस मंदिर का स्थलीय माहौल और प्राचीनता भी इसे एक विशेष धार्मिक स्थल बनाते हैं. मंदिर के विशाल द्वार, गरुड़ द्वार, से प्रवेश करते ही, आप एक विशाल प्रांगण में प्रवेश करते हैं. प्रांगण के चारों ओर कई मंदिर और मूर्तियां हैं, जो भगवान विष्णु और अन्य देवी-देवताओं को समर्पित हैं. मंदिर का मुख्य शिखर 150 फीट ऊँचा है और यह अपनी अद्भुत नक्काशी और मूर्तिकला के लिए जाना जाता है. शिखर पर भगवान विष्णु के सुदर्शन चक्र का चिन्ह है.

इतिहास और महत्व

अनंतपद्मनाभ झील मंदिर, केरल के अनंतपुरा में स्थित, भगवान विष्णु को समर्पित एक सुंदर और पवित्र मंदिर है. यह मंदिर अपनी अनूठी वास्तुकला, धार्मिक महत्व और ऐतिहासिक मूल्य के लिए जाना जाता है. इस मंदिर का निर्माण 10वीं शताब्दी में त्रावणकोर के राजाओं द्वारा किया गया था. मंदिर का जीर्णोद्धार 18वीं शताब्दी में पेशवाओं द्वारा किया गया था. अनंतपद्मनाभ झील मंदिर भगवान विष्णु के 108 दिव्य देशों में से एक माना जाता है, जो भगवान विष्णु के पवित्र निवास स्थानों का प्रतिनिधित्व करते हैं.

वास्तुकला और दर्शन

अनंतपद्मनाभ झील मंदिर अपनी अनूठी वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है. यह मंदिर द्रविड़ शैली में बनाया गया है, जो अपनी विशिष्ट गोपुरम और मूर्तिकला के लिए जाना जाता है. मंदिर का मुख्य द्वार गरुड़ द्वार के नाम से जाना जाता है, जो भगवान विष्णु के वाहन गरुड़ की मूर्ति से अलंकृत है. मंदिर के गर्भगृह में भगवान विष्णु की अनंतपद्मनाभ स्वामी की मूर्ति स्थापित है, जो शेषनाग पर शयन करते हुए दर्शाया गया है. मंदिर परिसर में कई अन्य मंदिर और मूर्तियां भी हैं, जिनमें भगवान गणेश, भगवान कार्तिकेय, भगवान नंदी, और अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां शामिल हैं.

धार्मिक महत्व और उत्सव

अनंतपद्मनाभ झील मंदिर हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है. हर साल लाखों भक्त भगवान विष्णु के दर्शन के लिए इस मंदिर में आते हैं. मंदिर में कई त्यौहार मनाए जाते हैं, जिनमें नवरात्रि, राम नवमी, और कृष्ण जन्माष्टमी शामिल हैं. नवरात्रि के दौरान, मंदिर में विशेष पूजा और अनुष्ठान आयोजित किए जाते हैं, और लाखों भक्त दर्शन के लिए आते हैं.

पर्यटन और आकर्षण

अनंतपद्मनाभ झील मंदिर न केवल धार्मिक महत्व के लिए, बल्कि पर्यटन के लिए भी एक महत्वपूर्ण स्थान है. मंदिर की अनूठी वास्तुकला, धार्मिक महत्व, और उत्सवों के कारण, यह पर्यटकों के बीच एक लोकप्रिय आकर्षण बन गया है. मंदिर के आसपास कई अन्य ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल भी हैं, जो पर्यटकों को आकर्षित करते हैं.

अनंतपद्मनाभ झील मंदिर, केरल के अनंतपुरा में स्थित, एक सुंदर और पवित्र स्थान है. यह मंदिर अपनी अनूठी वास्तुकला, धार्मिक महत्व, और ऐतिहासिक मूल्य के लिए जाना जाता है. आप केरल यात्रा कर रहे हैं, तो अनंतपद्मनाभ झील मंदिर की यात्रा करना सुनिश्चित करें. यह एक अविस्मरणीय अनुभव होगा.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)