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Anant Chaturdashi 2022 Puja Vidhi aur Chhapan Bhog: अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान गणेश और श्री हरी विष्णु की पूजा दिला सकती है जबरदस्त सफलता

Anant Chaturdashi 2022 Puja Vidhi aur Chhapan Bhog: अनंत चतुर्दशी के दिन जहां एक ओर भगवान गणेश का विसर्जन किया जाता है तो वहीं, इस दिन भगवान विष्णु की पूजा का भी अत्यधिक महत्व है.

Updated on: 08 Sep 2022, 02:04 PM

नई दिल्ली :

Anant Chaturdashi 2022 Puja Vidhi aur Chhapan Bhog: भगवान गणेश के जन्मोत्सव को पूरे 10 दिन तक मनाया जाता है. गणेशोत्सव का समापन गणपति विसर्जन से होता है. लोग पूरे 10 दिनों तक गणपति का पूजन भक्ति भाव से करते हैं और उन्हें 11 वें दिन यानी अनंत चतुर्दशी के दिन विसर्जित कर देते हैं. ऐसा माना जाता है कि यदि गणपति जी का विसर्जन सही विधि से किया जाता है तो घर में पूरे साल समृद्धि बनी रहती है. वहीं, अनंत चतुर्दशी पर भगवान विष्णु की पूजा का भी अत्यधिक महत्व है. माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और व्यक्ति सफलता की ओर बढ़ता है. ऐसे में चलिए जानते हैं गणपति विसर्जन से क्या है छप्पन भोग का नाता और अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु की कैसे करनी चाहिए विशेष पूजा.  

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अनंत चतुर्दशी 2022 भगवान विष्णु पूजा विधि (Anant Chaturdashi 2022 Bhagwan Vishnu Puja Vidhi)
- अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु के अनंत रूपों की पूजा करने का विधान है. 

- यह पूजा दोपहर के समय की जाती है. 

- अनंत चतुर्दशी के दिन सुबह स्नान के बाद व्रत का संकल्प लें.

- पूजा स्थल पर कलश की स्थापना करें.

- कलश पर अष्टदल कमल की तरह बने बर्तन में कुश से निर्मित अनंत की स्थापना करें.

- कुश से बने अनंत की जगह भगवान विष्णु की तस्वीर भी लगा सकते हैं.

- अब एक धागे को कुमकुम, केसर और हल्दी से रंगकर अनंत सूत्र तैयार करें.

- इसमें चौदह गांठें लगायें. इसे भगवान विष्णु की तस्वीर के सामने अर्पित करें.

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- अब भगवान विष्णु और अनंत सूत्र की षोडशोपचार विधि से पूजा शुरू करें.

- पूजन के बाद अनंत सूत्र को बाजू में बांध लें.

- पुरुषों को अनंत सूत्र दांये हाथ में और महिलाओं को उनके बांये हाथ में बांधनी चाहिए.

- अनंत सूत्र बांधने के बाद ब्राह्मण को भोजन करायें और खुद भी प्रसाद ग्रहण करें.

अनंत चतुर्दशी 2022 गणपति छप्पन भोग (Anant Chaturdashi 2022 Ganpati Chhappan Bhog)
जिनके लिए संभव हो, वे गणपति जी को विसर्जित करने से पूर्व छप्पन प्रकार का भोग जरूर लगाएं. छप्पन भोग लगाने का मतलब होता है आप प्रभु का आदर-सत्कार कर रहे हैं और उनके समक्ष उनकी ही पसंद की चीजें अर्पित कर रहे हैं. कड़वा, तीखा, कसैला, अम्ल, नमकीन और मीठा, ये 6 रस या स्वाद होते हैं. इन 6 रसों के मेल से अधिकतम 56 प्रकार के खाने योग्य व्यंजन बनाए जा सकते हैं, इसलिए छप्पन भोग का मतलब है वह सभी प्रकार का खाना, जो हम भगवान को अर्पित कर सकते हैं.