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कोरोना के कहर के बीच नेपाल में कुछ इस अंदाज में मनाई गई हरतालिका तीज

कोरोना (Corona Virus) के कहर के कारण नेपाल में हरतालिका तीज का उत्‍साह फीका पड़ गया है. सबसे अधिक भीड़भाड़ रहने वाला पशुपतिनाथ मंदिर भी सूना पड़ा है. ऐसे में महिलाएं अपने घरों में में ही कोरोना का ख्याल रखते हुए तीज का त्यौहार मना रही हैं.

Updated on: 21 Aug 2020, 05:16 PM

नई दिल्ली:

कोरोना (Corona Virus) के कहर के कारण नेपाल में हरतालिका तीज का उत्‍साह फीका पड़ गया है. सबसे अधिक भीड़भाड़ रहने वाला पशुपतिनाथ मंदिर भी सूना पड़ा है. ऐसे में महिलाएं अपने घरों में में ही कोरोना का ख्याल रखते हुए तीज का त्यौहार मना रही हैं. हरतालिका तीज (Hartalika Teej) के दिन नेपाल में महिलाएं सज-संवरकर नाचती-गाती नजर आती थीं लेकिन इस बार सोशल डिस्‍टेंसिंग (Social Distancing) के चलते तीज का त्‍योहार मास्क लगाकर मनाना पड़ रहा है. कोविड अस्पतालों में कार्यरत महिला डाक्टर्स और नर्स पीपीई किट पहनकर और मास्क लगाकर तीज के दिन भी कोरोना से बचने के उपाय बताती नजर आईं.

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हरतालिका तीज व्रत की उत्तम विधि : सुबह संकल्प लेकर निर्जल उपवास रखें लेकिन सेहत ठीक न होने पर फलाहार भी कर सकते हैं. शाम को संपूर्ण श्रंगार में भगवान शिव और पार्वती की संयुक्त उपासना करें. तीज के लिए भगवान शिव, माता पार्वती और गणेश जी की बालू रेत व काली मिट्टी की प्रतिमा बना लें. इसके बाद पूजास्थल को फूलों से सजाएं. देवताओं का आह्वान करते हुए भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश का पूजन करें. इसके बाद मां पार्वती को सौभाग्य की वस्तुएं अर्पित करें और उनसे अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए प्रार्थना करें. विवाहिता स्त्रियों को इस दिन अपनी सास को सौभाग्य की वस्तुएं देकर उनसे आशीर्वाद जरूर लेना चाहिए. हरतालिका तीज की रात्रि को जागरण करना विशेष शुभकारी होता है.

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हरतालिका तीज व्रत का महत्व : इस व्रत का विशेष महत्‍व है. उत्तर भारत में इस व्रत की बहुत अधिक मान्यता है. कहा जाता है कि कोई कुंवारी कन्या अपने विवाह की कामना के साथ इस व्रत को करती है तो भगवान शिव के आशीर्वाद से उसका विवाद जल्द हो जाता है. यह भी मान्‍यता है कि कोई कुंवारी कन्या मनचाहे पति की इच्छा से हरतालिका तीज व्रत रखती है तो भगवान शिव के वरदान से उसकी इच्छा पूर्ण होती है.