/newsnation/media/media_files/p3ZkBh2JNAE7gDgjpHgT.jpg)
Amavasya Ki Raat Ke Upay
Amavasya Ki Raat Ke Upay: हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का समय पितरों की शांति और उनके आशीर्वाद के लिए बेहद खास माना जाता है. यह समय पूर्वजों की आत्मा की शांति और उनके ऋण से मुक्ति पाने के लिए समर्पित होता है. पितृ पक्ष की अमावस्या को विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है.पितरों की तृप्ति और उनके आशीर्वाद को पाने के लिए आज रात चुपके से बस ये उपाय कर लें. अगर आपके जीवन में आर्थिक संकट है तो दूर होगा. घर में शांति नहीं है या स्वास्थ्य संबंधी परेशानी हो तो भी इस उपाय से ये समस्या दूर होने में समय नहीं लगेगा. इस दिन किए गए ज्योतिष उपाय न केवल पितरों को प्रसन्न करते हैं, बल्कि घर में सुख-समृद्धि और शांति भी लाते हैं.
पितृ पक्ष अमावस्या के ज्योतिष उपाय (Astrological Remedies of Pitru Paksha)
पितृ पक्ष की अमावस्या की रात को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं. यह दीपक पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए समर्पित होता है और इसे जलाने से पितृ दोष भी समाप्त होता है. इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और शुभता का आगमन होता है.
आज अमावस्या की रात को रुद्राक्ष की माला से 108 बार महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें. यह मंत्र पितरों की आत्मा की शांति के लिए अत्यधिक प्रभावशाली माना जाता है और इसे जपने से सभी प्रकार के दोष और बाधाएं समाप्त होती हैं.
हिंदू धर्म में पीपल के पेड़ की पूजा की जाती है. ऐसी मान्यता है कि इस पेड़ में पितरों का वास होता है. अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करें, जल अर्पित करें, और दीपक जलाएं. यह उपाय पितरों की कृपा पाने और पितृ दोष को शांत करने के लिए अत्यंत शुभ होता है.
पितृ पक्ष की अमावस्या पूर्वजों को स्मरण करने और उनकी आत्मा की शांति के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण समय होता है. इन ज्योतिष उपायों को विधि-विधान से करने से पितर प्रसन्न होते हैं, परिवार में सुख-शांति और समृद्धि आती है और पितृ दोष का निवारण होता है. इस अमावस्या पर श्रद्धा और भक्ति के साथ पितरों का पूजन करें और उनके आशीर्वाद से जीवन में सकारात्मकता लाएं.
Religion की ऐसी और खबरें पढ़ने के लिए आप न्यूज़ नेशन के धर्म-कर्म सेक्शन के साथ ऐसे ही जुड़े रहिए.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)