Amalaki Ekadashi 2025: आज है आमलकी एकादशी, जानें व्रत कथा और इसका धार्मिक महत्व

Amalaki Ekadashi 2025: आमलकी एकादशी के दिन व्रत क्यों रखा जाता है, इसका धार्मिक महत्व क्या है और इस दिन व्रत रखने वाले जातक किस व्रत कथा को पढ़ें आइए जानते हैं.

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Inna Khosla
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Amalaki Ekadashi 2025

Amalaki Ekadashi 2025 Photograph: (News Nation )

Amalaki Ekadashi 2025: फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को आमलकी एकादशी का व्रत रखा जाता है. इस दिन आंवला (आमलकी) के पेड़ की विशेष पूजा होती है, जिसे हिन्दू धर्म में बहुत ही पवित्र और शुभ मानते हैं. शास्त्रों मेंआंवला (जिसे आमलकी भी कहा जाता है) को भगवान विष्णु का प्रिय फल माना गया है. इस दिन लोग दिनभर उपवास रखते हैं और रातभर भगवान विष्णु के साथ-साथ आंवला वृक्ष की पूजा करते हैं, जिससे अनंत पुण्य की प्राप्ति होती है और जीवन के तमाम कष्ट दूर होते हैं. इसे विशेष रूप से मोक्ष प्राप्ति के लिए भी किया जाता है. ये व्रत धर्म, पुण्य, और आध्यात्मिक उन्नति के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है.

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आमलकी एकादशी व्रत कथा (Amalaki Ekadashi Vrat Katha)

आमलकी एकादशी की व्रत कथा बहुत ही प्रसिद्ध और पवित्र मानी जाती है. कथा में भगवान विष्णु और ब्रह्मा जी के बीच एक दिलचस्प संवाद का वर्णन मिलता है. इस कथा के अनुसार, भगवान विष्णु की नाभि से ब्रह्मा जी की उत्पत्ति हुई थी. जब ब्रह्मा जी ने चारों ओर देखा, तो सिवाय जल के कुछ भी नजर नहीं आया. यह दृश्य देखकर ब्रह्मा जी को अपने अस्तित्व और सृष्टि के बारे में जानने की जिज्ञासा उत्पन्न हुई और उन्होंने तप करने का निर्णय लिया.

ब्रह्मा जी ने भगवान विष्णु की उपासना और तपस्या शुरू की. उनकी तपस्या से भगवान विष्णु बहुत प्रसन्न हुए और उन्हें दर्शन दिए. भगवान विष्णु के दर्शन से ब्रह्मा जी का हृदय भर आया और भगवान विष्णु की कृपा से उनके आंखों से आंसू निकल पड़े. भगवान विष्णु के आंसू जैसे ही पृथ्वी पर गिरे, उन आंसुओं की बूंदों से आंवला (आमलकी) का पेड़ उग आया.

आंवला का पेड़ और उसका फल भगवान विष्णु को बहुत प्रिय है. भगवान विष्णु ने आंवला को अपनी आराधना का हिस्सा माना और आंवला वृक्ष को पवित्र तथा शुभ फल के रूप में प्रतिष्ठित किया. इस दिन को आमलकी एकादशी के रूप में मनाने की परंपरा शुरू हुई, ताकि भक्त भगवान विष्णु के प्रति अपनी श्रद्धा और आस्था को और भी मजबूत कर सकें.

यह व्रत (Amalaki Ekadashi) मानसिक शांति, आध्यात्मिक उन्नति और आत्मा के शुद्धिकरण के लिए किया जाता है. इस दिन भगवान विष्णु की भक्ति करने से आत्मा को शांति मिलती है और जीवन के कष्टों से मुक्ति मिलती है. इस दिन व्रत रखने से व्यक्ति के पापों का नाश होता है और उसे पुण्य की प्राप्ति होती है. साथ ही, आंवला (आमलकी) के फल में आयरन, विटामिन C, और अन्य पोषक तत्व होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं. यह व्रत शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार के लाभ प्रदान करता है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

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