Alopi Devi Temple: हिंदुओं का ऐसा मंदिर जहां बिना मूर्ति की होती है पूजा, जानिए वजह

Alopi Devi Temple: प्रयागराज के अलोपी देवी मंदिर में कुछ ऐसा है जो इसे अन्य मंदिरों से बिल्कुल अलग बनाता है. यहाँ देवी की मूर्ति नहीं, बल्कि एक पालने की पूजा की जाती है—क्या है इसके पीछे का रहस्य?

Alopi Devi Temple: प्रयागराज के अलोपी देवी मंदिर में कुछ ऐसा है जो इसे अन्य मंदिरों से बिल्कुल अलग बनाता है. यहाँ देवी की मूर्ति नहीं, बल्कि एक पालने की पूजा की जाती है—क्या है इसके पीछे का रहस्य?

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Anurag Tiwari
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Alopi Devi Temple

Alopi Devi Temple

Alopi Devi Temple: भारत में कई मंदिर अपनी खासियत और मान्यताओं के कारण प्रसिद्ध हैं, और उनमें से एक है उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में स्थित अलोपी शंकरी मंदिर. यह मंदिर माँ सती को समर्पित माना जाता है और अलोपीबाग इलाके में स्थित है. इस मंदिर की सबसे अनोखी बात यह है कि यहां कोई मूर्ति स्थापित नहीं है, बल्कि यहाँ एक पालना है जिसकी भक्त पूजा करते हैं.

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मंदिर का इतिहास और विशेषताएँ

अलोपी शंकरी मंदिर का नाम इसके अनोखे इतिहास से जुड़ा है. पौराणिक कथाओं और मान्यताओं के अनुसार, माँ सती के अंग जहाँ-जहाँ गिरे थे, वहाँ शक्ति पीठ स्थापित हुए. अलोपी शंकरी मंदिर उन स्थानों में से एक है जहाँ माँ सती का आखिरी हिस्सा गिरा था. इस कारण इस मंदिर को 'अलोप' नाम दिया गया, जिसका अर्थ होता है 'गायब हो जाना'. यहाँ माँ सती के अंतिम रूप की पूजा की जाती है, जिसे अलोपशंकरी कहा जाता है.

मंदिर में एक पालना है जिसे भक्त माँ सती की निसानी मानते हैं. यहाँ श्रद्धालु विशेष तौर पर पालने की पूजा करते हैं और इसे आशीर्वाद स्वरूप मानते हैं. इस मंदिर के आस-पास का क्षेत्र, जिसे आज अलोपीबाग कहा जाता है, इस मंदिर के नाम से ही प्रसिद्ध हुआ.

धार्मिक महत्त्व

अलोपी शंकरी मंदिर में भक्त कुंड से जल लेकर पालने पर चढ़ाते हैं और उसकी परिक्रमा करते हैं. ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर में परिक्रमा करने से भक्तों की सभी मुरादें पूरी होती हैं और जीवन में सुख-शांति आती है. नवरात्र के समय यहां विशेष आयोजन होते हैं और एक विशाल मेला भी लगता है. इस दौरान श्रद्धालु हलवा-पूड़ी का प्रसाद चढ़ाते हैं .

 मंदिर तक पहुँचने के रास्ते

अगर आप अलोपी शंकरी मंदिर की यात्रा करना चाहते हैं, तो प्रयागराज जंक्शन रेलवे स्टेशन आपके लिए सबसे नजदीकी ऑप्शन है. स्टेशन से कैब या बस के जरिए आप आसानी से मंदिर तक पहुँच सकते हैं. इसके अलावा, बस सेवा का भी ऑप्शन उपलब्ध है, जिससे आप प्रयागराज पहुँच सकते हैं और फिर कैब या ऑटो की मदद से मंदिर तक जा सकते हैं.

अलोपी शंकरी मंदिर अपनी अनोखी पूजा पद्धति और पवित्रता के कारण श्रद्धालुओं के लिए विशेष महत्व रखता है. यहाँ की धार्मिक आस्था और अनूठी मान्यता इसे एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल बनाती है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

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