Aja Ekadashi 2023: आज अजा एकादशी के दिन बन रहे हैं 2 शुभ योग, जानें महत्त्व, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
Aja Ekadashi 2023: हर महीने कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि आती है. भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को अजा एकादशी कहते हैं. इसका महत्त्व क्या है, व्रत का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि जानिए.
नई दिल्ली:
Aja Ekadashi 2023: भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की समर्पित अजा एकादशी का व्रत भाद्रपद में कृष्ण पक्ष की एकादशी के दिन रखा जाता है. कहते हैं इस दिन विशेष पूजा करने से बैकुंठ की प्राप्ति होती है. हिन्दू धार्मिक शास्त्रों के अनुसार ऐसा भी माना जाता है कि जो लोग इस व्रत को सही विधि विधान के साथ कर ते हैं रातभर जागरण करते हैं, विष्णु भगवान का ध्यान लगाते हैं उनके सारे पाप नष्ट हो जाते हैं. इतना ही नहीं वे स्वर्गलोक को प्राप्त होते हैं. एक ये भी मान्यता है कि जो लोग एकादशी की कथा सुनते हैं उन्हें अश्वमेध यज्ञ का फल प्राप्त होता है. तो इस साल ये व्रत किस दिन है. पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है, अगर आप अजा एकादशी व्रत रख रह हैं तो इसका पारण समय क्या है. वैसे आपको ये भी बता दें कि अजा एकादशी के दिन 2 शुभ योग बन रहे हैं. ऐसे में इसका दिन पूजा का महत्त्व और भी बढ़ जाता है.
अजा एकादशी व्रत शुभ मुहूर्त
भाद्रपद कृष्ण एकादशी तिथि 9 सितंबर शनिवार को शाम 07 बजकर 17 मिनट पर शुरू होगी जो अगले दिन 10 सितंबर को रात 09 बजकर 28 मिनट तक रहेगी.
अजा एकादशी का व्रत 10 सितंबर रविवार को रखा जाएगा.
पूजा का मुहूर्त: सुबह 07 बजकर 37 मिनट से प्रारंभ होगा जो दोपहर 12 बजकर 18 मिनट तक रहेगा.
अजा एकादशी पारणा मुहूर्त: 11, सितंबर को 06:03 से 08:33 तक (2 घंटे 29 मिनट)
अजा एकादशी के दिन बनेंगे 2 शुभ योग
लाभ-उन्नति योग का मुहूर्त सुबह 09:11 बजे से सुबह 10:44 बजे तक
अमृत-सर्वोत्तम योग का मुहूर्त सुबह 10:44 बजे से दोपहर 12:18 बजे तक है
कैसे करें अजा एकादशी व्रत के दिन पूजा
एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान ध्यान करें. इसके बाद आप मंदिर में भगवान विष्णु के सामने घी का दीपक जलाएं उन्हें फूल और फल अर्पित करें.
पूजा के बाद विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें. इस दिन भगवान विष्णु का नाम जितना हो सके उतना जपना चाहिए. पूजा के बाद हाथ जोड़ व्रत का संकल्प लें.
दिन में निराहार एवं निर्जल व्रत का पालन करें. रात 12 बजे इसे खोलने की गलती ना करें बल्कि रात को सोए नहीं और जागरण करें यानि रातभर भगवान विष्णु का ध्यान करें.
द्वादशी तिथि के दिन सुबह ब्राह्मण को भोजन कराएं व दान-दक्षिणा दें
ब्राह्मणों को भोजन करवाने के बाद ही आप अपने व्रत का पारण करें और स्वयं भोजन ग्रहण करें.
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अगर आप इस पूरे विधि- विधान के साथ अजा एकादशी का व्रत रखती हैं शुभ मुहूर्त में पूजा करते हैं तो आपको जल्द फायदा मिलने ये योग बन सकते हैं. वैसे इस साल शुभ मुहूर्त में 2 बेहद शुभ योग बन रहे हैं. इस दौरान जब आप कोई मनोकामना धारण कर पूजा करते हैं तो उसके फल आपको जल्द मिलते हैं. विष्णु भगवान की कृपा से जीवन में आपको कोई कष्ट नहीं होता और आप सुख समृद्धि पाते हैं.
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