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Vastu Tips: वास्तु शास्त्र के अनुसार जानिए पति-पत्नी को किस दिशा में पैर करके सोना चाहिए

Vastu Tips: हमेशा दक्षिण या पूर्व दिशा की ओर सिर करके सोना चाहिए. पश्चिम दिशा की ओर सिर करके सोना अशुभ माना जाता है. बिस्तर को हमेशा दीवार से सटाकर रखना चाहिए. बिस्तर के चारों ओर खाली जगह होनी चाहिए.

Updated on: 12 Apr 2024, 07:23 PM

New Delhi:

Vastu Tips: पति-पत्नी के लिए सोने की दिशा के बारे में वास्तु शास्त्र में कुछ खास बातें बताई गई हैं. पति और पत्नी को सोते समय पैर किस दिशा में रखना चाहिए, इस पर विशेष ध्यान देना चाहिए. यह एक प्राचीन और सांस्कृतिक मान्यता है जिसे वास्तुशास्त्र में भी महत्व दिया गया है. वास्तुशास्त्र के अनुसार, घर का निर्माण, सजावट, और सामान की व्यवस्था पति-पत्नी के संबंधों पर सीधे प्रभाव डालती है. अच्छी वास्तु के साथ निर्मित घर में संतुलित और शांतिपूर्ण वातावरण होता है, जो पति-पत्नी के बीच समझदारी और समानता को बढ़ाता है. एक सामर्थ और खुशहाल रिश्ते के लिए, यह महत्वपूर्ण है कि घर की ऊर्जा सकारात्मक हो और संतुलित हो. वास्तुशास्त्र के अनुसार, घर के मुख्य द्वार की दिशा भी पति-पत्नी के रिश्ते पर प्रभाव डालती है. इसके अलावा, किचन, बाथरूम और बेडरूम की स्थानीयकरण भी उनके संबंधों को प्रभावित करता है. वास्तुशास्त्र एक महत्वपूर्ण टूल होता है जो पति-पत्नी के रिश्तों को समृद्ध और स्थिर बनाए रखने में मदद करता है. यह समर्थ और सुखमय जीवन की ओर एक पथ प्रदान करता है.

सोने की शुभ दिशाएं

दक्षिण दिशा: दक्षिण दिशा को यमराज की दिशा माना जाता है, लेकिन पति-पत्नी के लिए यह सोने की शुभ दिशा मानी जाती है. यह दिशा आरोग्य और समृद्धि प्रदान करती है. इस दिशा में पैर करके सोने से पति-पत्नी के बीच प्रेम और स्नेह बढ़ता है.

पूर्व दिशा: पूर्व दिशा को भगवान सूर्य की दिशा माना जाता है. यह दिशा ऊर्जा और सकारात्मकता प्रदान करती है. इस दिशा में पैर करके सोने से पति-पत्नी को मानसिक शांति और सफलता प्राप्त होती है.

पश्चिम दिशा: पश्चिम दिशा को वरुण देवता की दिशा माना जाता है. यह दिशा धन और समृद्धि प्रदान करती है. इस दिशा में पैर करके सोने से पति-पत्नी को धन-दौलत और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है. पश्चिम दिशा को सूर्यास्त का दिशा भी मानते हैं और इस दिशा में सोने से समृद्धि, शांति, और सुख का अनुभव होता है. पश्चिम दिशा में सोने से सुप्रभात की स्थिति में उठने की आवश्यकता कम होती है, जिससे रात्रि के दौरान नींद की क्वालिटी बढ़ती है. वास्तुशास्त्र के अनुसार, पश्चिम दिशा में सोने से संतान के लिए भी शुभ होता है. इसलिए, यह एक परंपरागत और संगीतप्रिय मान्यता है जो कि बच्चे के संदेश की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है.

सोने की अशुभ दिशाएं

उत्तर दिशा: उत्तर दिशा को कुबेर देवता की दिशा माना जाता है. यह दिशा धन और समृद्धि प्रदान करती है, लेकिन पति-पत्नी के लिए यह सोने की अशुभ दिशा मानी जाती है. इस दिशा में पैर करके सोने से पति-पत्नी के बीच मतभेद और कलह हो सकती है.
सोते समय अन्य बातों का ध्यान रखें:

सिर हमेशा दक्षिण या पूर्व दिशा में रखकर सोना चाहिए. पश्चिम दिशा में सिर करके सोना अशुभ माना जाता है. पलंग को हमेशा दीवार से सटाकर रखना चाहिए. पलंग के चारों ओर खाली जगह होनी चाहिए. सोते समय पति-पत्नी को एक-दूसरे के पैरों को छूकर नहीं सोना चाहिए. ऐसा करने से उनके बीच नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह हो सकता है. सोते समय पति-पत्नी को एक-दूसरे के प्रति प्रेम और सम्मान का भाव रखना चाहिए. वास्तु शास्त्र में बताई गई बातें केवल मार्गदर्शन के लिए हैं. सोने की दिशा से ज्यादा महत्वपूर्ण है कि पति-पत्नी एक-दूसरे के प्रति प्यार और सम्मान का भाव रखें.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)