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Das Mahavidya: शिव पुराण के अनुसार जानें क्या है गुप्त नवरात्रि का महत्व, कैसे हुए 10 महाविद्याओं की उत्पत्ति

Das Mahavidya: देवी पार्वती की शक्तियों का परिचय और उनकी महाशक्तियों को प्रकट करने के लिए, भगवान शिव ने दस महाविद्याओं की उत्पत्ति की. यह कथा दस महाविद्याओं के उद्भव को विस्तार से बताती है.

Updated on: 11 Feb 2024, 11:14 AM

नई दिल्ली :

Das Mahavidya: शिव पुराण में गुप्त नवरात्रि की कथा बहुत ही महत्वपूर्ण है. इस कथा में मां पार्वती ने भगवान शिव से उनके अन्य रूपों के बारे में पूछा. भगवान शिव ने मां पार्वती को गुप्त नवरात्रि के बारे में बताया. इस कथा के अनुसार, गुप्त नवरात्रि के उत्सव में लोग नौ दिन तक शिव-शक्ति की पूजा करते हैं और उन्हें अन्न, वस्त्र, और धन का दान करते हैं. इस उत्सव में दीपदान, व्रत और भजन की परंपरा भी होती है. गुप्त नवरात्रि के उत्सव में भगवान शिव के रूपों की पूजा की जाती है और मां दुर्गा के रूपों का भी विशेष महत्व होता है. इसके दौरान विशेष प्रकार की प्रार्थना, पूजा, और हवन किए जाते हैं जो शिव-शक्ति के आशीर्वाद को प्राप्त करने के लिए किए जाते हैं. गुप्त नवरात्रि का उत्सव भारतीय संस्कृति में विशेष महत्व रखता है और लोग इसे धार्मिक और सामाजिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मानते हैं. इस अवसर पर लोग ध्यान, भक्ति और सेवा के माध्यम से अपने जीवन को सुखमय और समृद्ध बनाने के लिए प्रयासरत होते हैं. 

देवी पार्वती की शक्तियों का परिचय और उनकी महाशक्तियों को प्रकट करने के लिए, भगवान शिव ने दस महाविद्याओं की उत्पत्ति की. यह कथा दस महाविद्याओं के उद्भव को विस्तार से बताती है.

एक समय की बात है, जब भगवान शिव अपनी तपस्या में लीन थे और समुद्रतरंग के बीच बैठे थे. उन्होंने मां पार्वती से कहा, "हे पार्वती, तुम मुझसे और तुम्हारी शक्तियों से कोई भी अद्भुत काम कर सकती हो, क्या तुम यह स्वीकार करती हो?"

मां पार्वती ने उत्तर दिया, "हां, महादेव." और उन्होंने अपनी अद्भुत शक्तियों का प्रदर्शन करने का वचन दिया. तब भगवान शिव ने मां पार्वती को अद्भुत रूप में प्रकट किया और उन्हें दस महाविद्याओं का वरण किया.

यही से दस महाविद्याओं का उत्पत्ति हुआ. ये हैं: काली, तारा, छिन्नमस्ता, भुवनेश्वरी, भैरवी, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी, कमला और स्थूला दस महाविद्याएं हैं, जो प्रत्येक की अपनी विशेषता है और जोगियों और भक्तों को अपने मार्ग पर ले जाने की क्षमता है.

इस कथा से स्पष्ट होता है कि मां पार्वती की शक्तियां अद्वितीय और अपार हैं, और वे समस्त ब्रह्मांड को अपने वश में कर सकती हैं. इसके साथ ही, यह कथा हमें ध्यान में रखने के लिए प्रेरित करती है कि हमें मां पार्वती की आराधना करने से हम अपनी आत्मा को उनकी कृपा से प्राप्त कर सकते हैं और उनकी अद्भुत शक्तियों का अनुभव कर सकते हैं.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)