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Maa Durga Vahan in Navratri: देवी पुराण के अनुसार नवरात्रि में देवी मां की सवारी और उनका महत्व

Maa Durga Vahan in Navratri: हर साल माता का आगमन जिस सवारी पर होता है उसे देखकर ये भविष्यवाणी की जाती है कि आने वाला समय देश और दुनिया के लिए अच्छा रहेगा या नहीं. इस बार माता किस पर सवार होकर आ रही हैं आइए जानते हैं.

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Inna Khosla
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Maa Durga Vahan in Navratri

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Maa Durga Vahan in Navratri: इस साल शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर से शुरू हो रहे हैं. 3 अक्टूबर गुरुवार का दिन है. गुरुवार को मां भगवती आएंगी. इस बार भगवती का वाहन क्या है और वे किस सवारी पर आएंगी ये इस बात का संकेत होता है कि आने वाला साल कैसा होगा. नवरात्रि के नौ दिनों में देवी मां के नौ रूपों की पूजा की जाती है और प्रत्येक रूप की अपनी विशिष्ट सवारी होती है. देवी पुराण में इन सवारियों के बारे में बताया गया है. प्रत्येक सवारी देवी मां की शक्ति और सामर्थ्य का प्रतीक होती है. अलग-अलग सवारियां देवी मां के अलग-अलग रूपों और उनके गुणों को दर्शाती हैं. देवी मां की सवारियां भक्तों को उनके जीवन में सही मार्ग दिखाने का भी काम करती हैं. 

शारदीय नवरात्रि 2024 में मां दुर्गा की सवारी (Maa Durga Vahan in Navratri)

रविवार और सोमवार को अगर नवरात्रि शुरू होती हैं तो उस समय मां भगवती की सवारी हाथी पर होती है. मां भगवती हाथी पर सवार होकर आती हैं. हाथी की सवारी से एक सुख जैसी अनुभूति होती है, यानी पूरे संसार में कल्याण की स्थिति बनती है. यज्ञ और अनुष्ठानों से सभी को कल्याण प्राप्त होता है.

जब नवरात्रि मंगलवार और शनिवार से शुरू होते हैं तो मां दुर्गा घोड़े पर सवार होती हैं. घोड़े की सवारी युद्ध की स्थिति का प्रतीक होती है. इस युद्ध से शांति की स्थिति उत्पन्न होती है और राक्षसों का दमन होता है. इसका अर्थ यह है कि मनुष्य के भीतर फैली दैत्य प्रवृत्तियों का ध्यान और पूजा के माध्यम से संपूर्ण रूप से नाश होता है.

अगर नवरात्रि गुरुवार और शुक्रवार से शुरू होते हैं तो ऐसे में मां भगवती डोली अर्थात पालकी पर सवार होती हैं. इस बार नवरात्रि गुरुवार से ही शुरू हो रहे हैं और शुक्रवार को समाप्त हो रही है. ऐसे में मां भगवती की सवारी डोली पर है और जब मां भगवती प्रस्थान करेंगी तो उनके वाहन का नाम चरनायुद्ध होगा, जो एक पक्षी से संबंधित है. चरनायुद्ध एक ऐसे पक्षी का प्रतीक है जो शस्त्रों से जुड़ा होता है. मां भगवती उस पक्षी पर सवार होकर महामारी और संसार में फैली नकारात्मकता को नष्ट करने निकलती हैं. 

देश और दुनिया पर माता की सवारी का प्रभाव

जैसे उन्होंने पूरे रणभूमि में दुश्मनों को पराजित करने के लिए कई रूप धारण किए थे. इसी प्रकार मां भगवती इस बार भी पूरी दुनिया में फैली विपत्तियों और अपराधियों को नष्ट करने के लिए प्रस्थान करेंगी. इस बार मां भगवती के डोली पर आगमन का देश और आम जनमानस पर क्या प्रभाव पड़ेगा. जब मां भगवती डोली पर आती हैं तो यह शांति का प्रतीक मानी जाती है. लेकिन यह शांति के साथ-साथ कुछ बड़े बदलावों का भी संकेत देती है. यह संकेत करती है कि आर्थिक रूप से कहीं कोई बड़ा नुकसान नहीं होगा परंतु समाज में संघर्ष जैसी प्रवृत्तियां उत्पन्न हो सकती हैं. विदेशों में चल रहे युद्धों में शांति की संभावना हो सकती है. ऐसी भी स्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं, जहां समाज में फैले अपराध और आपराधिक तत्वों पर नियंत्रण पाने के लिए बड़े निर्णय लिए जा सकते हैं. इस बार के नवरात्रों में मां भगवती के आगमन के साथ ही सरकार द्वारा लटके हुए बड़े फैसले लिए जा सकते हैं.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

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