Religious Conversion in Banswara: राजस्थान के बांसवाड़ा में एक अनोखा और ऐतिहासिक घटनाक्रम हुआ है जिसमें चर्च में भगवान भैरव की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की गई है. इस घटना ने धर्म परिवर्तन और सांप्रदायिक सहिष्णुता के दृष्टिकोण से समाज में चर्चा का विषय बना दिया है. बांसवाड़ा जिले के एक चर्च में भगवान भैरव की मूर्ति स्थापित की गई है और वहां प्राण प्रतिष्ठा की गई है. ये चर्च पहले ईसाई धर्म का एक उपास्य स्थल था लेकिन हाल ही में पादरी समेत कई परिवारों ने अपनी मर्जी से हिंदू धर्म अपनाया और इस चर्च को हिंदू मंदिर में बदल दिया.
क्यों हुआ ये धर्म परिवर्तन?
चर्च के पादरी और कुछ अन्य परिवारों ने सामूहिक रूप से हिंदू धर्म को अपनाया और अपने पूर्व के विश्वासों को छोड़कर हिंदू धर्म की तरफ रुख किया. इसके साथ ही उन्होंने अपने धार्मिक आस्थाओं को मानते हुए भगवान भैरव की मूर्ति स्थापित की और उसकी प्राण प्रतिष्ठा की प्रक्रिया की. भैरव, जो कि भगवान शिव के एक रूप माने जाते हैं और जिन्हें शक्ति, सुरक्षा, और साधना का प्रतीक माना जाता है उनकी मूर्ति की प्रतिष्ठा इस मंदिर में की गई. भैरव का विशेष महत्व विशेष रूप से राजस्थान और अन्य हिस्सों में है जहां भक्तों का विश्वास उन्हें समस्याओं से उबारने वाला माना जाता है.
ये घटना धार्मिक सहिष्णुता और बदलाव का प्रतीक है. चर्च में हिंदू धर्म की पूजा पद्धतियों को अपनाना और भैरव की मूर्ति की प्रतिष्ठा करना इस बात का संकेत है कि लोग अपनी इच्छानुसार और विश्वास के साथ धर्म बदलने का अधिकार रखते हैं. इस तरह की घटनाएं एकता और धार्मिक विविधता की मिसाल प्रस्तुत करती हैं. इस घटना को लेकर मिलीजुली प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. कुछ लोग इसे धार्मिक परिवर्तन की एक स्वाभाविक प्रक्रिया मानते हैं जबकि अन्य इसे एक अनोखा और अप्रत्याशित कदम मानते हैं.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)