160108 पत्नियों के पति और 1 लाख 61 हजार पुत्रों के पिता भगवान श्रीकृष्ण की कल यानी शुक्रवार 23 अगस्त को जन्माष्टमी मनाई जाएगी. इस साल जन्माष्टमी पर खास संयोग भी बन रहा है. दरअसल द्वापर युग में जिस तरह अष्टमी को सूर्य और चंद्रमा उच्च भाव में विराजमान थे, ठीक वैसा ही अद्भुत संयोग इस साल की जन्माष्टमी यानी अष्टमी तिथि पर रोहिणी नक्षत्र में पड़ रहा है. माना जा रहा है कि खास संयोग से भक्तों को विशेष लाभ मिलेगा. इस दुर्लभ संयोग का और अधिक लाभ लेने के लिए कुछ विशेष उपाय किए जाएं तो कितनी भी खराब किस्मत क्यों न हो, वो चमक सकती है. ये हैं जन्माष्टमी के आसान उपाय...
उपाय-1
जन्माष्टमी से शुरू कर 27 दिन तक लगातार नारियल व बादाम किसी कृष्ण मंदिर में चढ़ाने से सभी इच्छाएं पूरी हो सकती हैं.
उपाय-2
जन्माष्टमी पर 7 कन्याओं को घर बुलाकर खीर खिलाएं. ये उपाय लगातार 5 एकादशी को करें. इस उपाय से आपके प्रमोशन के योग बन सकते हैं.
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उपाय-3
जन्माष्टमी पर दक्षिणावर्ती शंख में कच्चा दूध व केसर डालकर भगवान श्रीकृष्ण का अभिषेक करें. इससे धन लाभ के योग बन सकते हैं.
उपाय-4
जन्माष्टमी की शाम को पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं और शुद्ध घी का दीपक लगाएं. इससे आपकी समस्याओं का समाधान हो सकता है.
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उपाय-5
भगवान श्रीकृष्ण को साबूत पान चढ़ाएं. बाद में इस पर कुंकुम से श्रीं लिखकर अपनी तिजोरी में रख लें. इससे धन प्राप्ति के योग बन सकते हैं.
उपाय-6
जन्माष्टमी की सुबह किसी राधा-कृष्ण मंदिर जाकर दर्शन करें व पीले फूलों की माला अर्पण करें. इससे आपकी परेशानियां कम हो सकती हैं.
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उपाय-7
सुख-समृद्धि के लिए जन्माष्टमी पर पीले चंदन या केसर में गुलाब जल मिलाकर माथे पर टीका अथवा बिंदी लगाएं. ऐसा रोज करें.
उपाय-8
किसी कृष्ण मंदिर में अनाज (गेहूं, चावल) अर्पित करें और बाद में इसे गरीबों को दान कर दें. परिवार में सुख-शांति बनी रहेगी.
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श्रीकृष्ण की 8 पत्नियां
भगवान श्रीकृष्ण की 8 पत्नियां थी जिनके नाम सत्या, भद्रा, रुक्मणि, जाम्बवन्ती, सत्यभामा, कालिन्दी, मित्रबिन्दा और लक्ष्मणा था. इसी के साथ पुराणों में इस बात का उल्लेख मिलता है कि ''एक दानव था भूमासुर. जिसने अमर होने के लिए 16 हजार कन्याओं की बलि देने का निश्चय कर लिया था. श्री कृष्ण ने इन कन्याओं को कारावास से मुक्त कराया और उन्हें उनके घर वापिस भेज दिया. लेकिन चरित्र के नाम पर उनके परिवारवालों ने उन्हें अपनाने से मना कर दिया. तब श्री कृष्ण ने 16 हजार रूपों में प्रकट होकर एक साथ उन कन्याओं से विवाह रचाया. इस तरह से कन्हैया कि 16 हजार शादियां एक साथ हुईं लेकिन इसके अलावा श्री कृष्ण ने कुछ प्रेम विवाह भी किए.'
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो