देवघर में खुले बाबा बैद्यनाथ मंदिर के पट, पहले दिन 200 श्रद्धालुओं ने किए दर्शन

झारखंड के देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ मंदिर के पट गुरुवार को विभिन्न शर्तों के साथ श्रद्धालुओं क लिए लिए खोल दिए गए. सुबह 6 बजे से 10 बजे तक 200 श्रद्घालुओं ने बाबा बैद्यनाथ के दर्शन किए. इस दौरान 'स्पर्ष पूजा' की मनाही है.

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Sunil Mishra
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देवघर में खुले बाबा बैद्यनाथ मंदिर के पट, 200 श्रद्धालुओं ने किए दर्शन( Photo Credit : File Photo)

झारखंड के देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ मंदिर (Baba Vaidyanath Temple) के पट गुरुवार को विभिन्न शर्तों के साथ श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए. सुबह 6 बजे से 10 बजे तक 200 श्रद्घालुओं ने बाबा बैद्यनाथ के दर्शन किए. इस दौरान 'स्पर्ष पूजा' की मनाही है. देवघर के उपायुक्त कमलेवर प्रसाद सिंह ने गुरुवार को बताया, सुबह कोविड-19 (Covid-19) से बचाव के लिए जारी दिशा निर्देश के तहत भक्तों को मंदिर के अंदर प्रवेश कराया गया. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) के साथ सैनिटाइजेशन और मास्क का भी ध्यान रखा गया. मंदिर के खुलने के संबंध में अधिकतर लोगों को जानकारी न होने से कम संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचे थे. हर घंटे 50 श्रद्धालुओं को बाबा मंदिर में प्रवेश कराया गया.

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उन्होंने बताया कि सुबह 6 बजे से 10 बजे तक चार घंटे के लिए मंदिर के पट खुले रहेंगे और प्रत्येक घंटे 50 श्रद्घालु बाबा बैद्यनाथ का दर्शन कर सकेंगे. उन्होंने कहा कि सभी श्रद्धालुओं को मंदिर कार्यालय की ओर से मंदिर में प्रवेश दिया गया. उन्होंने बताया कि मंदिर में प्रवेश के लिए ऑनलाइन पास की व्यवस्था दो से तीन दिनों में शुरू हो जाएगी. अभी केवल झारखंड के रहने वाले लोग ही बाबा का दर्शन कर पाएंगें.

सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को मद्देनजर रखते हुए राज्य सरकार ने सिर्फ झारखंड के लोगों को ही बाबा बैद्यनाथ के दर्शन की सशर्त अनुमति दी है. सरकार के इस निर्णय के संबंध में गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने देवघर के उपायुक्त को दिशा-निर्देश जारी किया था.

सरकार की ओर से जारी निर्देश में उन श्रद्घालुओं को दर्शन कराने में प्राथिमकता देने को कहा गया है जिन्होंने प्रवेश पास ऑनलाइन लिया हो. यह स्पष्ट किया गया है कि गृह मंत्रालय भारत सरकार के आपदा प्रबंधन प्रभाग की ओर से कोविड-19 के संदर्भ में जो दिशा-निर्देश जारी हुए हैं उनका अनुपालन सुनिश्चित कराना होगा.

सांसद निशिकांत दुबे की तरफ से सर्वोच्च न्ययायालय में एक जनहित याचिका दायर की गई थी जिसमें शीर्ष अदालत ने कहा था कि सीमित संख्या में सामाजिक दूरी का नियम का सख्ती से अनुपालन कराते हुए लोगों को मंदिर में दर्शन करने की इजाजत दी जा सकती है. इसके बाद सरकार ने विकास आयुक्त के.के. खंडेलवाल की अध्यक्षता में 11 सदस्यों की समिति बनाई थी.

Source : IANS

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