Maa Kalratri Chalisa: मां कालरात्रि के इस पाठ से भय मुक्त ही नहीं बलशाली भी हो जाता है व्यक्तित्व, इन गुप्त सिद्धियों की भी होती है प्राप्ति
जो भी व्यक्ति नवरात्रि के सांतवें दिन आधी रात यानी कि रात 12 बजे से माँ कालरात्रि की चालीसा का 11 बार पाठ करता है वह न सिर्फ निर्भीक और बलशाली बनता है बल्कि उसे गुप्त सिद्धियों की भी प्राप्ति होती है.
जो भी व्यक्ति नवरात्रि के सांतवें दिन आधी रात यानी कि रात 12 बजे से माँ कालरात्रि की चालीसा का 11 बार पाठ करता है वह न सिर्फ निर्भीक और बलशाली बनता है बल्कि उसे गुप्त सिद्धियों की भी प्राप्ति होती है.
मां कालरात्रि के इस पाठ से गुप्त सिद्धियों की होती है प्राप्ति ( Photo Credit : Social Media)
Maa Kalratri Chalisa: चैत्र नवरात्रि का शुभारंभ बस होने को ही है. आज हम आपको माता रानी के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि के बारे में बताने जा रहे हैं. नवरात्रि का सातवां दिन मां काली को समर्पित है. मां कालरात्रि माता पार्वती का वो स्वरुप हैं जिनकी न सिर्फ सात्विक अपितु तामसिक पूजा भी की जाती है. मान्यताओं के अनुसार, अगर इस दिन मां काली की पूजा अर्चना और आरती के साथ साथ उनकी चालीसा का पाठ भी जरूर करना चाहिए. माँ काली चालीसा का पाठ करने से मनुष्य के सभी भय दूर हो जाते हैं. जो भी व्यक्ति नवरात्रि के सांतवें दिन आधी रात यानी कि रात 12 बजे से माँ कालरात्रि की चालीसा का 11 बार पाठ करता है वह न सिर्फ निर्भीक और बलशाली बनता है बल्कि उसे गुप्त सिद्धियों की भी प्राप्ति होती है.