उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि पर भस्म आरती करने से पूरी होती हैं मनोकामनाएं, जानें क्या है ये
देशभर में महाशिवरात्रि की धूम है. महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर आज उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में तड़के तीन बजे विशेष पंचामृत अभिषेक और भस्मारती पूजन किया गया
उज्जैन:
देशभर में महाशिवरात्रि की धूम है. महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर आज उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में तड़के तीन बजे विशेष पंचामृत अभिषेक और भस्मारती पूजन किया गया. बाबा की भस्म आरती में शामिल होने के लिए देश के कोने-कोने से श्रद्धालु महाकाल मंदिर में पहुंचे. महाशिवरात्रि पर बाबा महाकाल के दर्शन के लिए महाकाल मंदिर में लाखों की संख्या में श्रद्धालु आने की संभावना है.
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महाशिवरात्रि का पर्व देशभर में मनाया जाता है, लेकिन बाबा महाकाल कि नगरी उज्जैन में इस पर्व की बात ही कुछ खास है. फाल्गुन माह में राजाधिराज महाकाल के आंगन में विवाह अर्थात महाशिवरात्रि की धूम रहती है. इस अवसर पर शिव नवरात्रि महोत्सव मनाया जाता है. नौ दिनों तक चलने वाले शिव नवरात्री पर्व के अंतिम दिन महाशिवरात्रि मनाई जाती है. आज बाबा के दरबार में शिवरात्रि का पर्व उल्लास के साथ मनाया जा रहा है.
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आज प्रात: 3 बजे बाबा महाकाल की भस्म आरती की गई. इससे पहले बाबा को पंचामृत अर्थात दूध, दही, घी, शकर व शहद से नहलाया गया. तत्पष्चात चंदन का लेपन कर सुगन्धित द्रव्य चढ़ाए गए. बाबा की प्रिय विजया (भांग) से भी उन्हें श्रृंगारित किया गया. इसके पष्चात बाबा को श्वेत वस्त्र ओढ़ाया गया और फिर बाबा को भस्म रमाने की प्रक्रिया प्रारंभ हुई. भसिमभूत होने के बाद ढोल-नगाड़े व शंखनाद के साथ बाबा की भस्म आरती की गई.
उज्जैन में भगवान शिव भूतभावन महाकाल रूप में विराजित हैं. बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक केवल यही ज्योतिर्लिंग है, जिसकी मुद्रा दक्षिणमुखी है. पूरी तरह से भगवान महाकालेश्वर के रंग में रंगे इस शहर की सुबह-शाम ऐसी लगती है, मानो स्वयं विधाता ने इसे अमृत की बूंदों से नहलाकर सजाया संवारा हो और यही वे बाबा महाकाल हैं जिन पर नित्य भस्म चढ़ार्इ जाती है.
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